नई दिल्ली 19 फरवरी। यमुना नदी में अब लोग कूड़ा कचरा व पूजा सामग्री नहीं डाल सकेंगे। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि यमुना नदी में पूजा सामग्री आदि फेंकने वाले लोगों को जागरूक किया जाए तथा यमुना नदी के किनारों पर पूजा सामग्री आदि रखने के लिए स्थान बनाए जाएं । इसके बाद भी अगर लोग नहीं मानते हैं तभी विभाग आगे की कार्रवाई पर विचार करे।
अगले तीन साल में यमुना नदी को साफ कर दीजिए जाने का नई सरकार का लक्ष्य निर्धारित होने के बाद दिल्ली का सरकारी हमला भी सक्रिय हो गया है। मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि यमुना में पूजा सामग्री कूड़ा कचरा आदि फेंकने वालों पर रोक लगाई जाए। जिन स्थान से यमुना में सामग्री फेंकी जाती है उनको बंद किया जाए।
सरकार के सूत्रों ने कहा कि मुख्य सचिव ने यह बात विशेष रूप से कही है कि इसके लिए लोगों को जागरुक किया जाना बहुत जरूरी है। उन्हें इस बात का एहसास कराया जाए कि यमुना में पूजा सामग्री आदि कचरा फेंककर वह यमुना को प्रदूषित कर रहे हैं। लोग जब यह बात समझ लेंगे तो स्वयं ही यमुना को प्रदूषित करना बंद कर देंगे। इसके साथ ही यमुना के दोनों किनारों पर पूरा सामग्री रखने के लिए स्थान बनाए जाएं और सामग्री के एकत्रित होने पर उसे समानपूर्वक समाप्त किया जाए।
आगे उन्होंने कहा कि पूजा सामग्री के लिए नदी किनारे एक अलग से जगह बनाई जाएगी। हम किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते। लेकिन अगर फिर भी लोग हमारी बात नहीं समझते हैं तो, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। यमुना नदी की साफ-सफाई के लिए कई आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इनमें 4 स्कीमर मशीन, 2 वीड हार्वेस्टिंग मशीन, एक डीटीयू मशीन को नदी की सफाई में लगाया गया है। यमुना की साफ-सफाई का काम दिल्ली के आईटीओ और वासुदेव घाट से शुरू किया गया है। दिल्ली सरकार शहर में सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को पूरी तरह से चालू करेगी। इसके अलावा 6 नए प्लांट भी लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2027 तक यमुना नदी को अच्छे से साफ किया जाए।