चंडीगढ़ 09 नवंबर। दोपहिया वाहन पर सफर करते समय अब सिख महिलाओं को भी हेलमेट पहनना होगा। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने आज स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। साथ ही पगड़ी पहनने वाले सिख पुरुषों को हेलमेट से छूट दी गई है, लेकिन सिख महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य होगा। हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को उन सिख महिलाओं के भी चालान काटने का निर्देश दिया, जो बिना हेलमेट ड्राइविंग करती हैं या पीछे बिना हेलमेट पहने बैठती हैं। साथ ही काटे जाने वाले चालानों का ब्याैरा कोर्ट में पेश करने को कहा।
बता दें कि जब हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की तो चंडीगढ़ प्रशासन ने अपने हलफनामे में बेंच को बताया कि 6 जुलाई 2018 को मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया गया था। इसमें सिर्फ पगड़ी पहनने वाली सिख महिलाओं को हेलमेट से छूट दी गई थी, लेकिन अन्य सिख महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य किया गया था। इस संशोधन का सिख समाज के धार्मिक संगठनों ने कड़ा विरोध किया था। विरोध के चलते UT प्रशासन ने केंद्र सरकार से सलाह मांगी तो भी सिख महिलाओं को छूट देने की सलाह मिली, जिसे एक्ट में शामिल किया गया और सभी सिख महिलाओं को हेलमेट से छूट दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में एक्ट में संशोधन करके छूट नहीं देने का नियम लागू करने पर विरोध हुआ तो केंद्र सरकार ने मामला निपटाने के लिए ढील दे दी। सभी सिख महिलाओं को हेलमेट से छूट दे दी, यह जानने के बाद हाईकोर्ट की बेंच ने चंडीगढ़ प्रशासन और केंद्र सरकार को फटकार लगाई। बेंच ने सवाल किया कि केंद्र सरकार इस तरह का फैसला कैसे ले सकती है? महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए था।
हेलमेट लगाने से किसी की धार्मिक भावनाएं कैसे आहत हो जाएंगी? जिंदगी जरूरी है या धार्मिक भावनाएं। जिंदगी नहीं रहेगी तो धार्मिक भावनाएं कैसे रहेंगी? इस मामले में केंद्र सरकार का रुख समझ नहीं आया। वहीं अगर सिख महिलाओं को हेलमेट से छूट देंगे तो उनकी पहचान कैसे करेंगे? क्या एक-एक को रोककर पूछेंगे कि आप सिख महिला हैं क्या? नहीं महिलाओं की सुरक्षा जरूरी है, इसलिए सभी सिख महिलाओं को अब हेलमेट पहनना होगा।