asd कुख्यात सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ डॉक्टर डेथ गिरफ्तार, सबूत मिटाने के लिए मगरमच्छों को खिला देता था लाशें

कुख्यात सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ डॉक्टर डेथ गिरफ्तार, सबूत मिटाने के लिए मगरमच्छों को खिला देता था लाशें

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अलीगढ़ 21 मई। अलीगढ़ के छर्रा थाना क्षेत्र के गांव पुरैनी का निवासी और कुख्यात सीरियल किलर ‘डॉक्टर डेथ’ उर्फ देवेंद्र शर्मा को दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार किया है. 67 वर्षीय देवेंद्र पर 100 से अधिक हत्याओं और 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट के गंभीर आरोप हैं. वह छर्रा थाना में हिस्ट्रीशीटर है और 1994 में बरला थाने में उसके खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज हुआ था. उसे 7 मामलों में उम्रकैद और एक मर्डर केस में फांसी की सजा हो चुकी है।

देवेंद्र शर्मा ने 1984 में बिहार से बीएएमएस की डिग्री हासिल की और राजस्थान के बांदीकुई में जनता क्लीनिक खोला. 1994 में एक गैस एजेंसी डीलरशिप सौदे में 11 लाख रुपये की ठगी के बाद उसने अपराध की राह चुनी. उसने फर्जी गैस एजेंसी शुरू की और 1998 से 2004 तक गुरुग्राम के डॉ. अमित के साथ मिलकर अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाया, जिसमें 125 से अधिक किडनियों की तस्करी की. प्रत्येक ट्रांसप्लांट के लिए उसे 5-7 लाख रुपये मिलते थे.

2002 से 2004 के बीच देवेंद्र ने अपने गिरोह के साथ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में 100 से अधिक टैक्सी और ट्रक चालकों की हत्या की. वह फर्जी यात्राओं के बहाने ड्राइवरों को बुलाता, उनकी गला घोंटकर हत्या करता और शवों को कासगंज की हजारा नहर में फेंक देता, जहां मगरमच्छ सबूत नष्ट कर देते थे. लूटी गई गाड़ियों को वह कासगंज या मेरठ में 20-25 हजार रुपये में बेचता था. उसने कबूल किया कि 50 हत्याओं के बाद उसने गिनती करना छोड़ दिया था.

2004 में किडनी रैकेट और सीरियल किलिंग के आरोप में देवेंद्र को गिरफ्तार किया गया. उसे दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में सात हत्या के मामलों में आजीवन कारावास और गुरुग्राम में एक मामले में फांसी की सजा मिली. 2020 में 20 दिन की पैरोल पर छूटने के बाद वह सात महीने तक फरार रहा. 2023 में दो महीने की पैरोल पर छूटने के बाद वह जेल नहीं लौटा और दौसा के एक आश्रम में पुजारी के भेष में छिप गया. दिल्ली पुलिस ने उसे आश्रम से गिरफ्तार किया.

अगस्त, 2023 में पैरोल जंप करने के बाद देवेंद्र शर्मा ने धर्म का चोला ओढ़ लिया था। वह दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर फरारी काटने लगा। इधर, दिल्ली पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस करने और उसे पकड़ने के लिए आधा दर्जन से अधिक टीमें बना रखी थी। इन टीमों ने बड़ी मुश्किल से उसकी लोकेशन को ट्रैक किया और उसे पकड़ने के लिए दौसा के आश्रम में पहुंची। इस दौरान आरोपी आश्रम में प्रवचन करता मिला।

देवेंद्र शर्मा अलीगढ़ के छर्रा क्षेत्र के गांव पुरैनी का रहने वाला है। ग्रामीण बताते हैं- वह 33 साल पहले गांव छोड़कर राजस्थान चला गया था। इसके बाद कभी गांव नहीं लौटा। हां, पुलिस जरूर उसकी तलाश में आती रही। उसका गांव का मकान अब खंडहर हो गया है।

देवेंद्र शर्मा का एक भाई सुरेंद्र शर्मा, CISF में दरोगा है और कासिमपुर पावर हाउस में तैनात है। पिता और मां की मौत हो चुकी है। गांव में सात बीघा पुश्तैनी जमीन है, जिसकी देखरेख के लिए उसका भाई सुरेंद्र गांव आता-जाता रहता है।

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