सड़क और चौराहों पर चाय की दुकानों समेत तमाम जगह नागरिक यह कहते मिल जाएंगे कि सरकार सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा रही है। सत्ताधारी दल अपने वादे पूरे नहीं कर रहा है। मगर मुझे लगता है कि यह कथन सही नहीं है। सुविधाएं ना मिलने का रोना रोने से कोई समस्या हल नहीं मिलती। हमें काम चाहिए तो भी मांगना पड़ेगा। सामान खरीदने के लिए दुकान पर जाकर लेना पड़ता है तो हम यह क्यों सोचते हैं कि सरकार बिना कहे ही हमें सबकुछ दे दे। साथियों सिर्फ यह कहने से कि राजनीति बुरी चीज है यह कहने से काम नहीं चलने वाला। सरकार अपने वादों के अनुसार काम करने की कोशिश करती है। कई मामलों में नौकरशाह अपनी लापरवाही से ऐसा माहौल बना देते हैं कि सरकार कुछ नहीं कर रही है। वर्तमान में सोशल मीडिया मंच गतिशील हैं। हम अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचा सकते हैं तो समस्याओं को हम मुख्यमंत्री व अन्य जिम्मेदारों तक क्यों नहीं पहुंचा पाते। अगर हम जिम्मेदारों को अवगत कराएंगे तो समस्याओं का समाधान होगा। लेकिन आवाज हमें ही उठानी पड़ेगी तभी समस्याएं हल होंगी।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सरकार की आलोचना करने से कुछ होने वाला नहीं है परेशानी बतानी होगी
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