लखनऊ 10 जुलाई। परिवहन विभाग ने ऐसे वाहन स्वामियों को बड़ी राहत दी है, जो अपने वाहन को व्यावसायिक से निजी या फिर निजी से व्यावसायिक में कन्वर्ट कराते हैं. उन्हें बदली हुई नंबर प्लेट के लिए पहले एफआईआर करनी होती थी. उस एफआईआर को ऑनलाइन अपलोड करना होता है. विभाग ने एचएसआरपी जारी करने वाली कंपनी को निर्देश दिया कि जब वाहन का कन्वर्जन होकर आरटीओ कार्यालय में दर्ज कराया जा रहा है और उसकी श्रेणी बदल रही है, तो फिर एफआईआर की जरूरत क्यों महसूस की जा रही है? कन्वर्जन के मामले में एफआईआर की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए.
इसे हटाया जाए और जिस श्रेणी में वाहन दर्ज हो रहा है, उसकी नई नंबर प्लेट वाहन स्वामी को उपलब्ध कराई जाए. विभाग के इस फैसले के बाद एचएसआरपी जारी करने वाली कंपनी ने एफआईआर के विकल्प को हटा दिया है. बिना एफआईआर अपलोड किए ही के ही कन्वर्ट होने वाली गाड़ियों के लिए नई एचएसआरपी की बुकिंग की जा सकेगी.
उत्तर प्रदेश में प्राइवेट वाहनों का कॉमर्शियल उपयोग होते हुए परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने 1 से 11 जून तक 1474 गाड़ियां पकड़ी थीं. अधिकतर, गाड़ियों का कन्वर्जन कराया जा चुका है. वाहन स्वामियों के सामने समस्या यह आ रही थी, कि वाहन की श्रेणी बदलने के बाद भी नंबर प्लेट पहले वाले कलर की ही लगी रहती थी, क्योंकि नई नंबर प्लेट एफआईआर के बिना जारी नहीं होती थी.
इससे कई बार पुलिस, प्राइवेट वाहन को कॉमर्शियल गतिविधि में लिप्त होने पर पकड़ लिया जाता था. जब कागज दिखाए जाते थे, तो सवाल जवाब हो रहा था, कि जब गाड़ी कॉमर्शियल हो गई तो नंबर प्लेट प्राइवेट की तरह सफेद क्यों है? इसके बाद वाहन स्वामियों ने इसकी जानकारी परिवहन विभाग के अधिकारियों को दी.
एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (प्रवर्तन) संजय सिंह ने एचएसआरपी की बुकिंग करने वाली फर्म के प्रतिनिधि को निर्देशित किया कि इस समस्या को तत्काल दूर कराएं. कन्वर्ट होने वाली गाड़ियों के लिए जो एफआईआर की शर्त है, उसे हटाया जाए. इसके बाद यह प्रक्रिया शुरू की गई और अब बुक माय एचएसआरपी के ऐप पर कन्वर्ट होने वाली गाड़ियों के लिए एफआईआर का विकल्प हटा दिया गया है.
अब वाहन स्वामी ट्रांसफर वाले कॉलम पर जैसे ही क्लिक करेगा वैसे ही वाहन का नंबर फिल करने पर इस श्रेणी की नंबर प्लेट के लिए अप्लाई कर सकेगा और दूसरी नंबर प्लेट बुक हो जाएगी. इससे वाहन स्वामियों की समस्या का समाधान हो गया है. हालांकि डैमेज हुई एचएसआरपी के लिए अभी भी एफआईआर की कॉपी अपलोड करना होगा. इसके बाद ही एचएसआरपी जारी होगी.
अपर परिवहन आयुक्त संजय सिंह का कहना है, कि ऐसे वाहन स्वामियों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो रही थी जो अपने वाहन को प्राइवेट से कॉमर्शियल या कॉमर्शियल से प्राइवेट में कन्वर्ट कराते थे. हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के लिए एफआईआर की कॉपी अपलोड करनी होती थी जिससे वाहन स्वामियों को समस्या होती थी. कंपनी से वाहन स्वामियों को राहत देने के लिए एफआईआर का विकल्प हटाने को कहा गया था. अब यह हो गया है. इससे वाहन स्वामियों को वाहन कन्वर्ट कराने के बाद एचएसआरपी के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी.