नई दिल्ली, 08 फरवरी। मध्यम वर्ग को आयकर में राहत देने के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि मोदी सरकार अब राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) उपयोगकर्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए एक समान टोल नीति पर काम कर रही है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यात्रियों को जल्द ही राहत मिलेगी। उन्होंने कहा, हमारा शोध पूरा हो चुका है और इस योजना का जल्द ही खुलासा किया जाएगा। हालांकि, गडकरी ने यह साफ नहीं किया कि टोल समाप्त किया जाएगा या घटाया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक बैरियर-रहित ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित टोल संग्रह प्रणाली पर काम कर रही है। उनकी यह टिप्पणी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मध्यम वर्ग को अब तक की सबसे बड़ी कर छूट देने के कुछ दिनों बाद आई।
वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में, उन्होंने घोषणा की कि 12.75 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई कर नहीं देना होगा। इससे लगभग एक करोड़ करदाताओं को लाभ होगा।
नितिन गडकरी ने टोल संग्रह से जुड़े मीम्स पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह जानते हैं कि सोशल मीडिया पर उनके कई कार्टून और मीम्स वायरल हो रहे हैं। उन्होंने कहा, बहुत से लोग मुझे सोशल मीडिया पर ट्रोल करते हैं। लोग टोल को लेकर थोड़ा नाराज हैं। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि यह गुस्सा कुछ दिनों में खत्म हो जाएगा।
गौरतलब है कि, वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी कारों की हिस्सेदारी लगभग 60 प्रतिशत है, जबकि इनसे प्राप्त टोल राजस्व 20-26 प्रतिशत के बीच होता है। भारत, जहां दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है और राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1,46,195 किलोमीटर है। वहां 2023-24 में कुल टोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी कारों की हिस्सेदारी लगभग 60 प्रतिशत है लेकिन टोल राजस्व में इनका योगदान केवल 20-26 प्रतिशत है। गडकरी ने बताया कि 2000 से अब तक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत संचालित टोल प्लाजाओं से लगभग 1.44 लाख करोड़ रुपये का उपयोगकर्ता शुल्क एकत्र किया गया है।