पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मोरारजी देसाई जी द्वारा दस बार अपने राजनीतिक जीवन में वित्त मंत्री के रूप में देश का बजट प्रस्तुत किया गया। वर्तमान केन्द्रीय वित्त मंत्री सीता रमण जी भी अब श्री मोरारजी देसाई जी के निकट बजट प्रस्तुत करने के मामले में पहुंचती जा रही हैं। और सब कुछ सही रहा तो वो दसवां बजट भी प्रस्तुत करेंगी। फिलहाल कल वो 1 फरवरी को अपना आठवां बजट पेश करने जा रही है।
यह सभी जानते है कि चार सदस्यों वाले परिवार का मुखिया भी सभी सदस्यों को आसानी से संतुष्ट नहीं कर पाता है क्योंकि सबकी इच्छा पूरा करना संभव नहीं होता। तो फिर देश तो बहुत बड़ा है अलग अलग विचारों और सोच के लोग हम मिलजुलकर तो रहते है मगर हमारी इच्छाऐं व्यवस्थाऐं और मजबूरियां सब एक दूसरे से विपरित होती है इसलिए सबकी मंशा पर खरा उतरना किसी के लिए भी संभव नहीं है। मगर यह बात विश्वास के साथ कही जा सकती है कि सुलझे विचारों की राजनेता तथा देश की आर्थिक स्थिति और जन समस्याओं एवं मतदाता क्या चाहते है इस बारे में अच्छा ज्ञान रखने वाले वित्त मंत्री की समझ रखने के मामले में सर्वगुण संपन्न निर्मला सीतारमण जी द्वारा पेश बजट सबकी इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए संतुलन बनाये रखने में संक्षम साबित हो सकता है। और क्योंकि हर व्यक्ति की सोच पर तो कोई भी खरा नहीं उतर सकता इसलिए बजट के बाद एक बार तो विपक्ष कमियां ढूंढेगा और पक्ष उपलब्धियां। लेकिन बजट कैसा है और इसमें किसको क्या मिलेगा और किसका नुकसान होगा यह बात आम आदमी इसकी समीक्षा के बाद ही समझ पाएंगा। फिलहाल यह कह सकते है कि निर्मला सीतारमण जी अब तक एक सफल वित्त मंत्री सिद्ध हो रही है और उन्होंने मातृ शक्ति की सोच और महिलाओं का सम्मान बढ़ाने का काम बाखुबी किया है।
आजाद देश में प्रस्तुत बजटों की श्रृंखला में वर्तमान वित्त मंत्री सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री एवं मोरारजी देसाई द्वारा अलग-अलग समयावधि में पेश किए गए १० बजटों के रिकार्ड़ के करीब पहुंच रही है। बताते चले कि श्री मोरारजी देसाई ने १९५९/१९६४ के दौरान वित्त मंत्री के रूप में कुल छह बजट और १९६७/१९६९ के बीच चार बजट पेश किए थे। सीतारमण को २०१९ में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था। इसी साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। तब से सीतारमण ने अब तक सात बजट पेश किए हैं। जानकारों के अनुसार स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट २६ नवंबरॉ १९४७ को देश के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल १० बजट पेश किए हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नौ मौकों पर बजट पेश किया। प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने १९९१ से १९९५ के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया जब वह पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। सबसे लंबा बजट भाषण सीतारमण ने एक फरवरी २०२० को दो घंटे ४० मिनट का दिया। इससे पूर्व वर्ष १९७७ में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अब तक का सबसे छोटा भाषण है जिसमें केवल ८०० शब्द हैं। बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता था। वर्ष १९९९ में समय बदला गया और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह ११ बजे बजट पेश किया। तब से बजट सुबह ११ बजे पेश किया जाता है। इसके बाद २०१७ में बजट पेश करने की तिथि बदलकर एक फरवरी कर दी गई ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर सके।
संकलन प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री व मजीठिया बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य
आठवां बजट पेश कर इतिहास रचने की ओर अग्रसर सफल वित्त मंत्री सिद्ध हो रही है निर्मला सीतारमण
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