Date: 22/12/2024, Time:

नेस्ले के शिशु आहार में ज्यादा चीनी की मिलावट, जांच शुरू

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नई दिल्ली 19 अप्रैल। नेस्ले ने बेबी फूड प्रोडेक्ट के मामले में अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है. भारत में नेस्ले के दो सबसे ज्यादा बिकने वाले बेबी-फूड ब्रांडों में बहुत ज्यादा चीनी मिली होती है, ये खुलासा पब्लिक आई की एक जांच से हुआ है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय भी गंभीर है. स्वास्थ्य मंत्रालय के टॉप अधिकारियों के सूत्रों के मुताबिक नेस्ले के बेबी प्रोडेक्ट्स में चीनी मिले होने की रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीर है. FSSAI रिपोर्ट की जांच कर रही है. जांच के बाद इस रिपोर्ट को साइंटिफिक पैनल के सामने रखा जाएगा.

मामले को लेकर नेस्ले का कहना है कि, ‘वह बच्चों के लिए अपने उत्पादों की पोषण गुणवत्ता बनाए रखते हैं और हमेशा उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करने को प्राथमिकता देते है.’ लेकिन स्विस जांच संगठन पब्लिक आई ने बताया है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा शिशु खाद्य उत्पादों में अतिरिक्त चीनी पर प्रतिबंध लगाने के कड़े दिशानिर्देशों के बावजूद, नेस्ले भारत में सेरेलक जैसे उत्पादों में चीनी मिलाती है.

3 साल से कम उम्र के बच्चों को चीनी बिलकुल मना
बता दें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गाइडलाइंस कहती है कि 3 साल से कम उम्र के बच्चों के खाने के प्रोडक्ट में किसी भी प्रकार की शुगर का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि इससे बच्चों के अंदर मोटापे और गंभीर बीमारियों की समस्या पैदा हो सकती है.

स्विस जांच संगठन पब्लिक आई की रिपोर्ट से ये पता चला है कि सबसे ज्यादा शुगर फिलीपींस के प्रोडक्ट में मिली है. यहां 1 सर्विंग में 7.3 ग्राम शुगर पाई गई है, जोकि बच्चों के हिसाब काफी ज्यादा है. वहीं नाइजीरिया में 6.8 ग्राम और सेनेगल में 5.9 ग्राम शुगर फूड्स प्रोडक्ट में मिली है. बता दें इस रिपोर्ट में 15 में से 8 देशों के प्रोडक्ट में शुगर लेवल की जानकारी दी गई है, वहीं 7 देशों की कोई जानकारी नहीं दी गई है.

नेस्ले के बेबी फूड ब्रांच भारत में बड़ी मात्रा में बेचे जाते हैं. खास बात यह है कि यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी स्विट्जरलैंड और दूसरे विकसित देशों में नेस्ले के ऐसे प्रोडक्ट्स शुगर फ्री हैं. नेस्ले, दुनिया की सबसे बड़ी कंज्यूमर गुड्स कंपनी है. यह कई देशों में बच्चों के दूध, ग्रेन प्रोडक्ट्स में चीनी और शहद मिलाती है. यह मोटापा और पुरानी बीमारियों को रोकने के कदम के बीच अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन है. यह उल्लंघन सिर्फ एशियाई, अफ़्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में पाया गया है.

सामने आया है कि भारत में, सभी 15 सेरेलैक बेबी प्रोडेक्ट्स में हर सर्विंग औसतन करीब 3 ग्राम चीनी मिली होती है. स्टडी में बताया गया है कि यही उत्पाद जर्मनी और ब्रिटेन में बिना चीनी मिलाए बेचा जा रहा है, जबकि इथियोपिया और थाईलैंड में इसमें करीब 6 ग्राम चीनी मिली होती है. इस तरह के प्रोडेक्ट्स की पैकेजिंग पर मौजूद पोषण संबंधी जानकारी में अक्सर चीनी की मात्रा का खुलासा भी नहीं किया जाता है.

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