नई दिल्ली 28 अगस्त। राजग (एनडीए) ने सोमवार, 27 अगस्त को राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा छू लिया। नौ बीजेपी सदस्य और दो सहयोगी दलों के सदस्य निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए। इसके साथ ही बीजेपी की राज्यसभा में संख्या 96 हो गई है। अब राज्यसभा में एनडीए सदस्यों का कुल आंकड़ा 112 हो गया है। निर्विरोध चुने गए तीन दूसरे सदस्यों में एनसीपी (अजित पवार गुट) और राष्ट्रीय लोक मंच (आरएलएम) के एक-एक सदस्य शामिल हैं। मौजूदा समय में राज्यसभा में 237 सदस्य हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 119 है।
इन सांसदों को राज्यसभा के लिए चुना गया
बीजेपी के जिन सदस्यों को निर्विरोध चुना गया, उनमें बिहार से उपेंद्र कुशवाहा और मनन कुमार मिश्रा, असम से मिशन रंजन दास और रमेश्वर तेली, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धैर्यशील पाटिल और नितन पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्य शामिल हैं। इसके अलावा, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से निर्विरोध चुने गए हैं।
राज्यसभा में अब सत्तारूढ़ एनडीए की ताकत बढ़ गई है। एनडीए बीते एक दशक से राज्यसभा में मेजॉरिटी हासिल करने की कोशिशों में जुटा था। अब राज्यसभा में एनडीए गठबंधन को बहुमत मिलने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को विपक्ष के दबाव से निपटने में मदद मिलेगी। एनडीए को विधेयकों को पारित करने में विपक्ष की रोका-टोकी का सामना नहीं करना पड़ेगा। पहले कई बार राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों की वजह से विधेयकों को पारित करने में बीजेपी सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
राज्यसभा में विपक्ष की संख्या अब 85 रह गई है। इससे पहले कई विधेयकों को पास कराने के लिए सरकार को गैर-गठबंधन दलों जैसे नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन लेना पड़ा था। अब, एनडीए के बढ़ते बहुमत के कारण, इस समर्थन की जरूरत कम हो सकती है।
बता दें कि चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा उपचुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त थी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तारीख 27 अगस्त थी। मतदान 3 सितंबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। इसी दिन शाम 5 बजे से मतगणना शुरू होगी और उसी रात तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
इस बार के उपचुनावों में असम, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा की 12 सीटें शामिल हैं। उपचुनाव के बाद चुने गए सदस्य अगले साल यानी 2025 से 2028 तक की शेष अवधि के लिए कार्य करेंगे। राज्यसभा की यह सीटें कई राज्यसभा सांसदों के लोकसभा में चुने जाने और इस्तीफे के कारण खाली हुई हैं।