नई दिल्ली 22 मई। बैंकों ने अपने ग्राहकों को धोखाधड़ी वाली फोन कॉल से बचाने के लिए एक नई पहल की है। इसके तहत हर बैंक को ‘1600xx’ सीरीज के तहत एक अलग राष्ट्रीय कॉलिंग नंबर दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें इनकमिंग कॉल्स की सुविधा भी होगी। इससे ग्राहकों को अपने बैंक से आने वाले कॉल और मैसेज की पहचान करने में आसानी होगी और धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी।
फिलहाल, बैंकों के पास ‘1600xx’ सीरीज के कई नंबर होते हैं, जिनसे वे ग्राहकों को कॉल करते हैं लेकिन इनमें इनकमिंग कॉल्स की सुविधा नहीं होती। इस प्रणाली के कारण कई बार ग्राहक असली और फर्जी कॉल्स के बीच अंतर नहीं कर पाते। अब बैंक चाहते हैं कि प्रत्येक बैंक को एक ही निश्चित नंबर मिले, जिससे ग्राहकों के लिए बैंक की पहचान करना आसान हो जाए।
ऋण वसूली कॉल्स के लिए छूट की मांग: बैंक यह भी चाहते हैं कि यदि किसी ग्राहक ने कॉल प्राप्त करने की अनुमति दी हो, तो ऐसे मामलों में ‘1600xx’ सीरीज से अलग नंबरों का प्रयोग करने की छूट दी जाए।
भारत में बैंकिंग और साइबर धोखाधड़ी के मामलों चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। विशेष रूप से फर्जी बैंक कॉल से ठगी की घटनाएं बढ़ी हैं। आरबीआई के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 27% बढ़कर 18,461 हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 14,480 थी। इस अवधि में धोखाधड़ी से संबंधित कुल राशि ₹2,623 करोड़ से बढ़कर ₹21,367 करोड़ हो गई, जो आठ गुना की वृद्धि है।
रिजर्व बैंक पहले ही जारी कर चुका है निर्देश
जनवरी में आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया था कि वे ग्राहकों को लेनदेन से जुड़ी फोन ‘1600xx’ सीरीज के नंबरों से ही करें और प्रमोशनल कॉल ‘140xx’ सीरीज से भेजें। अब बैंकों ने अनुरोध किया है कि इन नंबरों पर इनकमिंग कॉल की अनुमति दी जाए, जिससे ग्राहकों को बैंकों से संपर्क करने में आसानी हो।