नई दिल्ली 29 अप्रैल। पहलगाम हमले के बाद बने तनाव के बीच भारतीय सेना में बड़े बदलाव हुए हैं। एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी भारतीय वायुसेना (IAF) के नए वाइस चीफ होंगे। वे 1 मई को एयर मार्शल सुजीत पुष्पाकर धारकर की जगह लेंगे। धारकर 30 अप्रैल को 40 साल से ज्यादा की सर्विस के बाद रिटायर्ड हो रहे हैं।
वहीं, चीन व पाकिस्तान से लगती सीमा पर आपरेशंस के लिए जिम्मेदार थलसेना की नार्दन कमांड का नया प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को बनाया गया है।
वह वर्तमान में सेना मुख्यालय में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटजी) हैं और डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस रह चुके हैं। वह 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचेंद्र कुमार का स्थान लेंगे।
इनके अलावा, तीनों सेनाओं के कॉर्डिनेशन के लिए बने इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) में भी नए चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CISC) की नियुक्ति होगी। एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित 1 मई से CISC पद का कार्यभार संभालेंगे। वे 30 अप्रैल को रिटायर्ड होने वाले लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू की जगह लेंगे।
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी कौन हैं
1 मई 2023 से साउथ वेस्टर्न एयर कमांड (SWAC) के कमांडिंग इन चीफ के पद पर हैं। इससे पहले एयरफोर्स हेडक्वार्टर में एयर स्टाफ के डिप्टी चीफ थे।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) पुणे से ग्रेजुएशन की। नेशनल डिफेंस कॉलेज दिल्ली में प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल विनर रहे। 7 जून 1986 को फाइटर स्ट्रीम में कमीशन मिला।
37 साल के करियर में कई फाइटर जेट उड़ाने का 3600 घंटे से अधिक का अनुभव है। कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी।
कौन हैं प्रतीक शर्मा?
लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने अपने करियर में कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाई हैं। इनमें महानिदेशक सैन्य संचालन (DGMO), मिलिट्री सेक्रेटरी ब्रांच और सेना मुख्यालय में स्थापित सूचना निदेशालय के इन्फॉर्मेशन वेलफेयर के महानिदेशक के तौर पर काम कर चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा एक अनुभवी इन्फैंट्री अधिकारी के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उनका सैन्य करियर लगभग तीन दशकों से भी ज्यादा समय का है।
इसके अलावा, लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने ऑपरेशन पवन (श्रीलंका में शांति सेना अभियान), मेघदूत (सियाचिन में तैनाती), रक्षक (जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी विरोधी अभियान) और पराक्रम (संसद हमले के बाद सीमा पर तैनाती) समेत कई बड़े ऑपरेशनों में अहम भूमिका निभाई है। उनको ऐसे समय में नियुक्त किया गया है, जब भारत-पाक के बीच बड़ी टेंशन चल रही है। इस समय भारतीय सेना के सामने बड़ी चुनौतियां हैं।
कौन हैं एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित
मिराज-2000 लड़ाकू विमान के पायलट हैं और अभी प्रयागराज स्थित सेंट्रल एयर कमांड का नेतृत्व कर रहे हैं। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) पुणे से ग्रेजुएट हैं।
6 दिसंबर 1986 को भारतीय वायु सेना के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त हुआ था। कई अलग-अलग फाइटर जेट पर 3300 से ज्यादा घंटे की उड़ान भरी है।
ऑपरेशन रक्षक और कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन सफेद सागर जैसे कई ऑपरेशन में सक्रिय भागीदारी निभाई है।