अयोध्या में बने भगवान राम के भव्य मंदिर के प्रवेश द्वारों पर मंदिर आंदोलन के अग्रणी साधु संतों के नामकरण और अग्रणी आंदोलनकारियों संतों के जो नाम आदि का प्रस्ताव बीते दिनों पास हुआ वो एक सराहनीय और अच्छा प्रयास कह सकते हैं क्योंकि इससे जिन लोगों ने यह प्रयास किया उन्हें सम्मान की अनुभूति होगी और जो हमारे बीच नहीं है उनकी आत्मा को शांति मिलेगी तथा इनके परिवारों को भी गौरव का अहसास होगा तथा युवा पीढ़ी को हर अच्छे काम में आगे बढ़कर अपना सहयोग देने और काम करने की प्रेरणा मिलेगी। इससे संबंध खबर के अनुसार राम मंदिर के चारों दिशाओं में प्रस्तावित प्रवेश द्वारों का नामकरण मंदिर आंदोलन के अग्रणी संतों के नाम पर किया जाएगा।
भवन-निर्माण समिति की बैठक में इन प्रवेश द्वारों के नामकरण पर चर्चा के साथ संतों की राय से अलग-अलग प्रवेशद्वार का नाम अलग-अलग संतों के नाम पर तय करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय को अधिकृत किया गया। इसकी पुष्टि भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने करते हुए बताया कि शुक्रवार को इस प्रस्ताव पर निर्णय लेने के लिए तीर्थ क्षेत्र महासचिव को अधिकार दिया गया है।
कुंड का उत्खनन शुरू उन्होंने बताया कि श्री राम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन सप्त मंडपम के मध्य में पुष्करिणी (कुंड) का उत्खनन कार्य शुरू हो गया है।
उन्होंने बताया कि कुंड की डिजाइन के साथ लंबाई-चौड़ाई व गहराई को लेकर मंथन किया जा रहा। इसके साथ कुंड में जल भरने व जल निकासी की व्यवस्था पर भी विमर्श चल रहा है। जनवरी माह में निर्माणाधीन कार्यों की गति बढ़ाने पर विचार हो रहा है क्योंकि एक तरफ ठंड के मौसम का प्रभाव व दूसरी तरफ प्रयाग राज के महाकुंभ में उमड़ने वाली भीड़ से काम प्रभावित होना स्वाभाविक है। इन समस्याओं को ध्यान में रखकर भविष्य की रणनीति तय की जा रही है। इसके लिए जिन लोगों ने यह निर्णय लिया उनकी सोच की प्रशंसा की जानी चाहिए। क्योंकि यह हर तरह से समाज हित और अच्छे कार्यों को बढ़ावा देने की सोच का परिणाम है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
अयोध्या में राम मंदिर प्रवेश द्वारों पर अग्रणी साधु संतों के नाम
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