अलीगढ़ 23 अप्रैल। लंबे समय से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीसी को लेकर चल रही कशमकश अब खत्म हो गई है. AMU का वीसी कौन होगा इसको लेकर लंबे समय से तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अचानक आए एक फैसले ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एक नया वीसी दे दिया है. प्रोफेसर नईमा खातून को राष्ट्रपति द्वारा यूनिवर्सिटी का नया वीसी बनाया गया है. वह यूनिवर्सिटी की पहली महीला वीसी बनी हैं.
पूर्व वीसी तारिक मंसूर के पद से इस्तीफा देने के बाद खातून के पति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ को पिछले साल विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वीसी बनाया गए था. तारिक मंसूर के उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बनने के बाद से विश्वविद्यालय में ये पद खाली था.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने अपने 103 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला कुलपति की नियुक्त की है. AMU कार्यकारी परिषद (ईसी) और AMU कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति के लिए तीन उम्मीदवारों का एक पैनल बनाकर उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा गया था, जिसमें से प्रोफेसर नईमा खातून को AMU के कुलपति के रूप में नामित किया गया है.
एक सूत्र ने कहा, ‘वीमन्स कॉलेज की प्राचार्य नईमा खातून को पांच साल की अवधि के लिए एएमयू की कुलपति नियुक्त किया गया. ईसीआई ने कहा है कि उसे एएमयू कुलपति की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव पर आदर्श आचार संहिता के दृष्टिकोण से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते इससे कोई राजनीतिक लाभ नहीं लिया जाए.’
एएमयू से मनोविज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाली खातून को 1988 में इसी विभाग में व्याख्याता नियुक्त किया गया था. 2006 में उन्हें प्राध्यापक के रूप में पदोन्नत किया गया. इसके बाद वह 2014 में वीमन्स कॉलेज की प्राचार्य नियुक्त की गईं. वर्ष 1875 में स्थापित मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज को 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय नाम दिया गया था. साल 1920 में बेगम सुल्तान जहां को एएमयू की कुलपति नियुक्त किया गया था. इसके बाद 104 साल की अवधि में कुलपति नियुक्त की गईं खातून पहली महिला हैं.