बरेली 30 दिसंबर। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने नए साल का जश्न मनाने के खिलाफ फतवा जारी करते हुए इसे इस्लाम और शरीयत के विरुद्ध बताया है। मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने मुसलमानों से अपील की है कि वे न तो जश्न का हिस्सा बनें और न ही किसी को बधाई दें। फतवे में पटाखे फोड़ने, नाच-गाना और बधाई संदेश भेजने जैसी गतिविधियों को शरीयत की नजर में गलत बताया गया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने मुस्लिम समुदाय से नए साल का जश्न न मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को नया साल का जश्न नहीं मनाना चाहिए। यह ईसाईयों का नया साल है, मुस्लिमों का नहीं। बरेलवी ने मुस्लिम समुदाय के लिए फतवा जारी करते हुए कहा कि नए साल का जश्न मनाना, मुबारकवाद देना औश्र प्रोग्राम आयोजित करना इस्लाम में पूरी तरह से नाजायज है।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बताया कि चश्मे दरफ्ता बरेली ने नए साल के जश्न को लेकर एक फतवा जारी किया है। इस फतवे में नए साल का जश्न मनाने वाले युवक-युवतियों को हिदायत दी गई है कि नए साल का जश्न मनाना कोई गर्व की बात नहीं है और न ही इस जश्न को मनाया जाना चाहिए और न ही इसकी बधाई दी जानी चाहिए। क्योंकि नए साल से ईसाई नववर्ष यानी अंग्रेजी वर्ष की शुरुआत होती है। मुसलमानों के लिए किसी भी गैर-धार्मिक रीति-रिवाज को मनाना सख्त मना है। नए लड़के-लड़कियों को नए साल का जश्न न मनाने की हिदायत दी गई है। उन्होंने अपील किया कि मुसलमानों को नए साल का जश्न मनाने से बचना चाहिए।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि गैर इस्लामिक कार्यक्रम में मुस्लिमों को भाग नहीं लेना चाहिए। नया साल का जश्न मनाना, नाच गाना करना, पटाखे जलाना, मुबारकवाद देना…ये काम इस्लामी शरीयत में नाजायज है। अगर कोई मुस्लिम गैर शरई काम करता है तो वह गुनहगार होगा। ऐसे में मुसलमानों को चाहिए कि शरीयत के खिलाफ कोई काम न करें।