Date: 22/11/2024, Time:

काली पलटन मार्ग की टूटी सड़क और गडढों में भरे पानी से भक्तों को परेशानी से सांसद विधायक एमएलसी कोई तो छुटकारा दिलाओ

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वर्तमान समय में चारों तरफ सड़कें बन रही हैं। वो मानक के अनुकूल हैं या नहीं, उनके निर्माण में गुणवत्ता या मुख्यमंत्री की भावना का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं यह तो जांच का विषय है लेकिन फिलहाल जहां जहां सड़कें काली हुई है। कुछ समय के लिए ही सही गडढों से निजात मिली है। पिछले वर्ष प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा सड़क निर्माण से संबंध बनाई गई नीति के तहत निर्माण करने वाले ठेकेदार के लिए कुछ वर्षों तक रखरखाव के नियम घोषित किए गए थे। संबंधित विभागों के अफसर उसका कितना पालन करा रहे हैं यह तो वो ही जान सकते हैं लेकिन जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री जी की इस नीति और भावना पर शायद बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं ऐसा आए दिन सुनने और देखने को मिलता है। इसके उदाहरण के रूप में उत्तरी भारत के प्रसिद्ध और स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित काली पलटन मंदिर से वेस्ट एंड रोड को जाने वाले मार्ग पर टूटी सड़कों को देखा जा सकता है। बीती दस मई को शहीद दिवस के मौके पर मंदिर में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु जिले के अफसर और नेता मंदिर सभागार में पहुंचे। मगर पता नहीं क्या कारण रहा कि बुरी तरह खस्ताहालत हुई सड़क पर उनका ध्यान क्यों नहीं गया। काली पलटन से दर्शन एकाडेमी तक कई जगह सड़क टूटी है और रोड़ी बजरी फैली है। जो दुर्घटना का कारण भी बनते है। इससे आगे शांकुभरी देवी मंदिर के बाहर कई माह से गंदा पानी भरा रहता है जो वाहनों का पहिया गडढे में गिरने से राहगीरों के कपड़े गंदे करता है चेहरा भी खराब कर देता है। लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर क्यो ंनहीं जा रहा यह सोचनीय विषय है। प्रतिदिन यहां हजारों भक्त सुबह शाम और दिन में काली पलटन मंदिर अन्नपूर्णा मंदिर शाकुंभरी मंदिर शनिमंदिर और बालाजी मंदिर में दर्शन करने आते हैं। यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि उन्हें बुरी तरह परेशान होना पड़ता है। आश्चर्य इस बात का है कि जिस कैंट बोर्ड के अंतर्गत यह सड़क आती है उसमें संघ परिवार से संबंध डॉक्टर सतीश शर्मा मनोनीत सदस्य है। कई बार नागरिकों द्वारा उनका ध्यान इस ओर दिलाया गया लेकिन आश्वासन के अलावा सड़क सुधार आज तक नहीं हो पाया। कुछ जानकारों का कहना है कि अभी सड़क को बने पांच साल शायद नहीं हुए हैं इसलिए यह रखरखाव की अवधि में भी सही हो सकती है। अगर ऐसा ना हो तो इस पर ज्यादा खर्च आने वाला नहीं है। श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए कैंट विधायक कोई एमएलसी या सांसद अपनी निधि से भी इस पर काम कराकर इस समस्या से नागरिकों को छुटकारा दिला सकता है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि धार्मिक स्थलों के आसपास की सड़क और सफाई नहीं होगी तो कब होगी। इसलिए मेरा मानना है कि सतीश शर्मा तो शायद यह काम ना करा पाए क्यों कि कराते तो अब तक सुधार हो जाता लेकिन कोई विधायक सांसद एमएलसी को तो इस काम को कराना चाहिए क्योंकि यह शासन की नीति के तहत भी है और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी। इसलिए यह कहना उचित लगता है कि कोई तो कराओ सुधार और इस समस्या से छुटकारा दिलाओ।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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