asd मां ने मासूम बेटा-बेटी को मारकर डीप फ्रीजर में डाला, फिर 3 साल तक लाश के साथ सोती रही

मां ने मासूम बेटा-बेटी को मारकर डीप फ्रीजर में डाला, फिर 3 साल तक लाश के साथ सोती रही

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वाशिंगटन 11 अक्टूबर। अमेरिका के मिशिगन स्टेट का डेट्रोइट शहर. इसी शहर में मिशेल ब्लेयर नाम की महिला रहती थी. इसके चार बच्चे थे. पति से उसकी बनती नहीं थी. इसलिए मिशेल पति से अलग होकर अपने बच्चों के साथ किसी दूसरे घर में रहती थी. मिशेल पहले नौकरी करके घर का किराया और खर्च निकालती थी. लेकिन एक समय ऐसा आया जब मिशेल की जॉब छूट गई. कुछ समय तक तो उसने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे लेकर घर खर्च चलाया. लेकिन लोग भी उसे आखिर कब तक कर्ज देते. उन्होंने फिर मिशेल के पैसे देना बंद कर दिया.

इस कारण मिशेल घर का किराया नहीं दे पा रही थी. मकान मालिक को हर बार ये कह देती कि अगले महीने किराया दे दूंगी. लेकिन हालात बद से बदतर हो रहे थे. मिशेल के पास कोई नौकरी भी नहीं थी. उसने अपने बच्चों का नाम भी स्कूल से कटवा दिया. क्योंकि वो स्कूल फीस भी नहीं दे पा रही थी. स्कूल वालों को उसने कहा कि वो घर पर ही अपने बच्चों को पढ़ाएगी. लेकिन ये तो वो खुद भी जानती थी कि उसने बच्चों का नाम स्कूल से क्यों कटवाया. इधर, घर का रेंट भी 2 लाख रुपये तक पहुंच गया था जोकि उसे चुकाना था तो मकान मालिक ने उनसे घर खाली करने को कह दिया.

मिशेल ने फिर भी घर खाली नहीं किया तो मकान मालिक ने कोर्ट से मदद मांगी. इसके बाद कोर्ट ने मिशेल को घर खाली करने का नोटिस भिजवाया. मगर मिशेल ने फिर भी घर खाली नहीं किया. अंत में कोर्ट ने ही एक टीम को मिशेल के घर भेजा, ताकि वो उसे खाली करवा सकें. 24 मार्च 2015 का दिन था. जैसे ही कोर्ट द्वारा भेजी गई टीम मिशेल के घर पहुंची तो पाया कि मिशेल वहां नहीं है. वो बच्चों के साथ कहीं गई हुई थी. उस वक्त तो टीम वापस लौट गई. लेकिन कुछ दिन बाद फिर से टीम वहां आई. तभी भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला. बाद में फिर टीम ने स्पेयर की से ताला खोला और घर का सामान बाहर निकालने लगे.

पहले टीम ने घर से सारा फर्नीचर बाहर निकाला. लेकिन जब वो लिविंग रूम से एक डीप फ्रीजर उठाने लगते हैं तो वो उन्हें सामान्य वजन से कहीं ज्यादा भारी लग रहा था. इस कारण कुछ मजदूरों ने डीप फ्रीजर को खोलने का सोचा. जैसे ही उन्होंने फ्रीजर को खोला तो पाया कि वो तो पूरी तरह बर्फ से भरा हुआ है. फिर उन लोगों ने बर्फ निकालना शुरू किया, ताकि उसका वजन कम हो सके. अभी उन्होंने बर्फ की थोड़ी सी परत ही निकाली थी कि उन्हें उसमें बड़ा सा पॉलीथिन दिखा. जैसे ही उन्होंने पॉलीथिन को खोला तो वहां मौजूद हर शख्स के पैरों तले जमीन खिसक गई.
इसमें एक लड़की का शव था. उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया. मौके पर पहुंची ने तुरंत उस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. पुलिस ने जब फ्रीजर को और चेक किया तो पाया कि उसमें एक लड़के की लाश भी है. पुलिस भी इससे खौफ में आ गई. उन्होंने उस शव को भी जांच के लिए भिजवाया.

पुलिस अब मिशेल की तलाश में जुट गई. पड़ोसियों की निशानदेही पर पुलिस ने उन तमाम जगहों पर छापेमारी की. कुछ ही घंटों की मेहनत के बाद उन्हें मिशेल मिल गई. जब मिशेल को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो वो अपने दो ही बच्चों के साथ थी. जबकि, उसके 4 बच्चे थे. बाकी के दो बच्चों के बारे में पूछा तो वो कुछ सटीक जवाब नहीं दे पाई. सख्ती से पूछताछ में जो खुलासा हुआ. मिशेल के मुताबिक, 2012 के अगस्त महीने में एक दिन वो काम से वापस घर लौटी. देखा कि उसका सबसे छोटा बेटा मैथ्यू एक प्लास्टिक की डॉल के साथ गंदी हरकत कर रहा था. यह देखते ही मिशेल ने उससे पूछा- ये तुम क्या कर रहे हो? किससे सीखा ये सब? मैथ्यू बोला- बड़े भैया स्टीफन हमारे साथ ऐसा ही रोज करते हैं.

स्टीफन कोई और नहीं बल्कि, मिशेल का बड़ा बेटा था. इतना सुनते ही मिशेल गुस्से से बौखला उठी. उसने स्टीफन से पूछा- क्या तुमने अपने भाई मैथ्यू के साथ गंदी हरकत की है. स्टीफन के हां बोलते ही मिशेल ने जोरदार थप्पड़ उसे जड़ दिया. इसके बाद वो उसे लात-घूंसो से पीटने लगी.
उसने स्टीफन को तब तक पीटा जब तक कि वो बेहोश नहीं हो गया. जब स्टीफन को होश आया तो मिशेल ने उसे दोबारा पीटना शुरू कर दिया. यही नहीं, खौलता हुआ पानी उसके प्राइवेट पार्ट में उड़ेल दिया. इस कारण स्टीफन के प्राइवेट पार्ट के आस-पास की चमड़ी गलकर गिरना शुरू हो गई.
इसके बाद भी मिशेल का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उसने स्टीफन का गला बेल्ट से कसकर दबा दिया. इससे स्टीफन दोबारा बेहोश हो गया. टॉर्चर का ये दौर अगले दो हफ्ते तक चला.

फिर 30 अगस्त 2012 को स्टीफन की मौत हो गई. मृत्यु के समय स्टीफन सिर्फ 9 साल का था.उसने घर में रखे डीप फ्रीजर के अंदर स्टीफन का शव डाल दिया. बाकी के बच्चों को मिशेल ने धमकाया और कहा- अगर तुमने इस बारे में किसी को भी बताया को तुम्हारा भी ऐसा ही अंजाम होगा. समय बीतता गया. किसी को भी इसकी भनक नहीं लगी. स्टीफन की हत्या को अब 9 महीने बीत चुके थे. स्टीफन का शव अब भी फ्रीजर में ही था. तभी इस घर में एक और खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया. मई 2013 को मिशेल को पता चला कि उसकी बेटी स्टोनी एन्न ब्लेयर भी छोटे भाई के साथ गलत हरकत करती थी.

बस इतना पता लगते ही मिशेल ने स्टोनी की भी उसी तरह पिटाई की. फिर बेटी को एक कमरे में कई दिन के लिए बंद कर दिया. उसने बेटी को खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं दिया. वो स्टोनी का कमरा तभी खोलती थी, जब उसे अपनी बेटी को मारने का मन होता था. फिर कुछ दिन बाद स्टोनी की भी मौत हो गई. मृत्यु के वक्त स्टोनी की उम्र महज 13 साल थी.

इसके बाद मिशेल मे स्टोनी के शव को भी फ्रीजर में डाल दिया. पुलिस को मिशेल ने बताया- मैं तो बेटी की हत्या के बाद सरेंडर करने जा रही थी. लेकिन मेरे बेटे मैथ्यू ने मुझे रोक लिया. उसने मुझसे कहा कि मम्मी मैं आपके बिना नहीं रह सकता. मुझे छोड़कर मत जाओ. मिशेल ने इस तरह लाशों के साथ रहते हुए पूरे तीन साल निकाल दिए.
जब पुलिस ने मिशेल से पूछा- क्या तुम्हें अपने किए का पछतावा है? मिशेल ने कहा- नहीं, मुझे इसका कोई पछतावा नहीं है. क्योंकि उन दोनों ने जो कुछ भी अपने भाई के साथ किया था, उन्हें भी उसका कोई पछतावा नहीं था. मिशेल के खिलाफ फिर चला कोर्ट केस. शुरुआती सुनवाई में ही दोनों जिंदा बचे बच्चों का पैरेंटिंग राइट मिशेल से छीन लिया गया.

उन दोनों बच्चों को चाइल्ट प्रोटेक्टिव सर्विस को सौंप दिया गया. लंबी सुनवाई के बाद 17 जून 2015 को कोर्ट ने मिशेल को दो हत्याओं का दोषी करार दिया. दरअसल, मिशेल ने कहा था कि उसके दोनों बच्चों ने छोटे भाई से कुकर्म किया था. लेकिन जांच में ऐसी कोई भी पुष्टि नहीं हुई. मिशेल की ये कहानी फिर सभी को मनगढ़ंत लगने लगी. कोर्ट ने फिर उसे उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही ये भी आदेश दिया कि मिशेल को कभी भी पेरोल नहीं मिलेगी. फिलहाल मिशेल जेल में ही है.

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