asd 2017 से 22 तक हिरासत में 270 से ज्यादा रेप केस

2017 से 22 तक हिरासत में 270 से ज्यादा रेप केस

0

नई दिल्ली 26 फरवरी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरपी) ने भारत में हिरासत में रेप के मामलों का आंकड़ा जारी किया. जिसके मुताबिक, 2017 से 2022 के बीच हिरासत में रेप के 270 से भी ज्यादा मामले दर्ज किए गए. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने ऐसे मामलों के प्रति निराशा जताई. साथ ही इसके लिए कानून प्रवर्तन प्रणालियों के भीतर संवेदनशीलता और जवाबदेही की कमी को जिम्मेदार ठहराया.

आंकड़ों के अनुसार, इन रेप केस के अपराधियों में पुलिस कर्मी, लोक सेवक, सशस्त्र बलों के सदस्य, जेलों, रिमांड होम, हिरासत के स्थानों और अस्पतालों के कर्मचारी शामिल हैं. लेकिन डेटा इस बात पर प्रकाश डालता है कि पिछले कुछ सालों में ऐसे मामलों में धीरे-धीरे कमी भी आई है. 2022 में ऐसे 24 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 26, 2020 में 29, 2019 में 47, 2018 में 60 और 2017 में 89 मामले दर्ज किए गए.

बता दें, हिरासत में बलात्कार के मामले भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) के तहत दर्ज किए जाते हैं. यह एक पुलिस अधिकारी, जेलर, या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किए गए बलात्कार के अपराध से संबंधित है, जिसके पास एक महिला की कानूनी हिरासत है. यह धारा विशेष रूप से उन मामलों से संबंधित है जहां अपराधी किसी महिला के खिलाफ बलात्कार का अपराध करने के लिए अपने अधिकार या हिरासत की स्थिति का लाभ उठाता है. 2017 के बाद से हिरासत में बलात्कार के दर्ज किए गए 275 मामलों में से, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 92 मामले हैं. जबकि, इसके बाद मध्य प्रदेश में 43 मामले हैं.

पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने कहा, “हिरासत व्यवस्था दुर्व्यवहार के लिए ऐसे अवसर प्रदान करती है, जहां सरकारी कर्मचारी अक्सर अपनी शक्ति का इस्तेमाल यौन इच्छा पूरी करने के लिए करते हैं. उन्होंने कहा, “ऐसे कई उदाहरण हैं जहां महिलाओं को उनके संरक्षण या उनकी कमजोर स्थिति, जैसे तस्करी या घरेलू हिंसा, के कारण हिरासत में लिया गया और उनके साथ यौन हिंसा की गई, जो प्रशासनिक संरक्षण की आड़ में शक्ति के दुरुपयोग को दर्शाता है.”

जान लें कि हिरासत में रेप के मामले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2) के तहत दर्ज किए जाते हैं. साल 2017 के बाद से हिरासत में रेप के दर्ज किए गए 275 मामलों में से, सबसे ज्यादा 92 केस उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. इसके बाद 43 केस के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है.

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680