Date: 23/12/2024, Time:

मेरठ मंडलायुक्त जी दें ध्यान! 10 मई शहीद दिवस पर नगर निगम के पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के इर्द गिर्द लगा रहा कूड़े का ढेर, नगरायुक्त से जवाब तलब और दोषियों पर हो कार्रवाई

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स्वतंत्रता संग्राम से संबंध आंदोलन को लेकर अपने जनपद मेरठ का देश में बड़ा स्थान है। क्योंकि जानकारों का कहना है कि 1857 की क्रांतिगाथा की शुरूआत यहीं से हुई थी। इसलिए हर वर्ष पूरे जिले में अवकाश तो रहता ही है कई संगठन अलग अलग जगहों पर श्रद्धांजलि और प्रार्थना सभाएं कर शहीदों को याद कर उनके वंशजों का सम्मान करते हैं। अपने जनपद में बीते दिवस इसके महत्व को ध्यान में रखते हुए कमिश्नर से लेकर आईजी आदि सहित तमाम पुलिस प्रशासनिक अधिकारी भी इस मौके पर अपनी सहभागिता तय करने में अग्रणी भूमिका निभाते रहे। तथा मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल ने तो इस बारे में निकलने वाली प्रभात फेरी और अन्य आयोजनों के प्रति नागरिकों में जो जागरूकता पैदा की वो उल्लेखनीय थी।
हर साल जिले के तमाम स्थानों पर लगी स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की प्रतिमाओं की साफ सफाई प्राथमिकता के आधार पर दो अक्टूबर 15 अगस्त और 26 जनवरी की भांति होती रही है लेकिन बड़े ताज्जुब की बात है कि हमारे नगर निगम के अधिकारी जो सफाई कराने और नागरिकों को सुुविधाएं देने में असफल ही नजर आते हैं। इस मौके पर भी अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा पाए क्योंकि एक तरफ तो नगरायुक्त डॉ. अमित पाल शर्मा जी शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे लेकिन शहर में सफाई कराने की बात तो दूर इनके ही कार्यालय के सामने स्थित टाउन हाल पार्क में जिस प्रतिमा का अनावरण बताते हैं कि पूर्व पीएम स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने किया था उस प्रतिमा तक पहुंचने और प्रतिमा के इर्द गिर्द कूड़े और गंदगी के ढेर मौजूद थे कि कोई भी व्यक्ति ऐसे मौके पर सकते में आ सकता है। क्योंकि वहां जाने के रास्ते में तमात कूड़े के ढेर और पार्क जिसका गेट भी बंद था नहीं खोला गया और राष्ट्रपिता महात्मा गाधी की प्रतिमा के पास सफाई नहीं कराई गई। जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री राजीव कुमार गर्ग एडवोकेट और महासचिव केपी सिंह सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के पदाधिकारियों द्वारा शहर के प्रमुख नागरिकों के साथ वहां राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो वहां अव्यवस्था और गंदगी का साम्राज्य कायम था। कितने लोगों को प्रतिमा तक जाने के लिए मुंह पर रूमाल रखकर जाना पड़ा। श्रद्धांजलि देने के बाद भगवान से प्रार्थना की गई कि नगर निगम के अधिकारियों को सदबुद्धि दे कि जिनके बलिदान और संघर्षों के चलते उन्हंे आजाद भारत में सांस लेने का मौका और मोटी तनख्वाह मिल रही है कम से कम साल में एक बार तो स्वच्छता का माहौल कायम करे। स्मरण रहे कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है उस पर अरबो रूपया भी खर्च हो रहा है। प्रदेश सरकार भी नगर निगम को सभी सुविधाएं दे रही हैं और खासकर देशभक्तों के रूप में चर्चित भाजपा सरकार पूर्ण बहुमत से चल रही है। उसके बाद भी शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति नगर निगम का यह उदासीन रवैया सोचनीय और शर्मनाक दोनों ही कह सकते है। मेरा मानना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ जी की इस बारे में भावनाओं का आदर करते हुए मेरठ मंडलायुक्त को नगर निगम अधिकारियों से जवाब तलब कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्र्रवाई करनी चाहिए। क्योंक शहीदों के प्रति यह रवैया है तो आम नागरिकों के प्रति वह क्या करते होंगे इसका अंदाजा कोई भी लगा सकता है। सोशल मीडिया एसोसिएशन और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिषद के इस मत से मैं भी सहमत हूं कि नगर निगम की उदासीनता ना तो समयानुकुल थी और ना सरकारी नीति का हिस्सा। इसके अलावा भी बताते हैं कि शहर में अनेकों जगह शहीदों की प्रतिमाओं के आसपास जो सफाई होनी चाहिए थी वो अधिकारी नहीं करा पाए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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