सरकार हर व्यक्ति को सस्ती और सुलभ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नई नई घोषणाएं कर रही है तो सरकारी मेडिकल और अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को हरसंभव सहायता और नई चिकित्सा पद्धति का लाभ पहुंचाने की बात की जा रही है। आज पढ़ने को मिला कि नए साल में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाओं का होगा विस्तार। सीटी स्कैन टीकाकरण के साथ ही गंभीर बीमारियेां के हर संभव इलाज व दवाईयों की व्यवस्था की जाएगी। नए साल में बीमारियों को सही करने के मामले में सरकारी डॉक्टरों की बात सही साबित हो। लेकिन जहां तक बीते वर्ष की बात करें तो उसमें सिर्फ यही कहा जा सकता है कि अस्पताल व मेडिकल के कर्णधार कहना कुछ और करना कुछ और में अग्रणी रहे। जितना पढ़ने को मिला अगर उसके हिसाब से आधी सुविधाएं भी उपलब्ध करा दी जाती तो प्राइवेट अस्पतालो की ओर भागदौड़ रूक सकती थी। मेरा मानना है कि प्रदेश सरकार हो या केंद्र अपनी घोषणाओं के अनुकूल बजट व सुविधाएं उपलब्ध कराने में पीछे नहीं है। जितना दिखाई दिया कहीं ना कहीं सरकार कम और डॉक्टर ज्यादा दोषी नजर आए। मुझे लगता है कि सरकार हर व्यक्ति को चिकित्सा सुविधा आसानी से उपलब्ध कराने के लिए विभागीय मंत्री अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों से इनकी निगरानी कराए जिससे पात्रों को हर वो अवसर प्राप्त हो जो मिलना चाहिए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
उपभोक्ताओं को सरकारी नीति के तहत चिकित्सा सुविधा हो उपलब्ध, जनप्रतिनिधियों से कराई जाए निगरानी
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