लखनऊ 11 सितंबर। मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के संचालक मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 16 आरोपितों को एटीएस-एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने अवैध रूप से मतांतरण का दोषी माना है। बुधवार को इस प्रकरण में मौलाना समेत सभी आरोपितों को सजा सुनाई जाएगी।
मौलाना के सबसे करीबी सहयोगी हाफिज इदरीश को राहत मिली है। हाई कोर्ट से उसे गिरफ्तारी पर स्टे मिला हुआ है। एटीएस के लोक अभियोजक एमके सिंह ने बताया कि इस मामले में एटीएस नोएडा के दारोगा विनोद कुमार ने 20 जून 2021 को मुकदमा दर्ज कराया था।
मेरठ से धार्मिक कार्यक्रम से लौटते समय दिल्ली-देहरादून हाईवे पर दौराला-मटौर के बीच यूपी एटीएस ने अवैध मतातंरण व विदेशी फंडिंग के मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी, उसके ड्राइवर व दो साथियों को पकड़ा था। मौलाना पर देशभर में अवैध रूप से मतातंरण का गिरोह संचालित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
एटीएस और एनआईए की जांच में मौलाना समेत 16 लोगों के नाम सामने आए थे। मौलाना और उसके साथियों के विरुद्ध लखनऊ स्थित एटीएस-एनआइए की खंडपीठ में मुकदमा चल रहा है। आरोप है कि करीब एक हजार लोगों का मुस्लिम धर्म में मतांतरण कराया गया। इनमें काफी युवतियों का निकाह भी मुस्लिमों से कराया गया। नोएडा के मूकबधिर स्कूल के बच्चों को भी गायब करने की बात आई थी। एटीएस ने मौलाना कलीम सिद्दीकी के विरुद्ध गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अधिनियम के तहत व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
ये हैं आरोपी: मौलाना कलीम सिद्दीकी, कौसर आलम, डा.फराज बाबुल्ला शाह, प्रसाद रामेश्वर कोवरे उर्फ आदम, भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा, मो. उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, सलाउद्दीन जैनुद्दीन शेख, राहुल भोला, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, मो. सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ, धीरज गोविंद राव जगताप, सरफराज अली जाफरी व अब्दुल्ला उमर।