asd धर्म छिपाकर हिंदू युवती से की शादी, कराया धर्म परिवर्तन, मुस्लिम युवक को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा – tazzakhabar.com
Date: 14/03/2025, Time:

धर्म छिपाकर हिंदू युवती से की शादी, कराया धर्म परिवर्तन, मुस्लिम युवक को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

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बुलंदशहर 07 मार्च। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय/ विशेष न्यायालय एससी- एसटी कोर्ट के न्यायाधीश विजय पाल ने हिंदू युवती का धर्म परिवर्तन कराकर शादी करने के दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई. दोषी पर 4.56 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. पीड़िता दिल्ली की रहने वाली है. धर्म परिवर्तन के मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी सजा मानी जा रही है.

अपर जिला एवं सत्र न्यायालय/ विशेष न्याय एससी- एसटी कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक विपुल सिंह राघव ने बताया 15 मार्च 2022 को गुलावठी कोतवाली में धर्म परिवर्तन की शिकार पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि वह दिल्ली की रहने वाली है.

हापुड़ के विकास कॉलोनी निवासी अनीस अहमद ने उसे प्रेम जाल में फंसाया. मुस्लिम होने के बावजूद अनीस ने अपना धर्म छिपाते हुए खुद को आकाश बताते हुए युवती से शादी कर ली. कुछ दिनों बाद युवक ने बताया कि वह आकाश नहीं बल्कि अनीस अहमद है. इसके बाद उसने जबरन युवती का धर्म परिवर्तन करा दिया. युवती का नाम उसने मुस्लिम धर्म के हिसाब से रख दिया. इसके बाद बुलंदशहर के गुलावठी में एक किराए के मकान में रखकर उसका शोषण करने लगा. गुलावठी पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर अनीस अहमद के खिलाफ धारा 376, 420, 406 धर्म परिवर्तन की धारा 3/5 और एससी/ एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया.

बुलंदशहर के एसपी क्राइम राकेश मिश्रा ने बताया कि धर्म परिवर्तन के मामले को जघन्य अपराध मानते हुए ऑपरेशन कनविक्शन के तहत चिन्हित किया गया. गुलावठी थाना पुलिस ने अनीस के खिलाफ 27 अप्रैल 2022 को न्यायालय को आरोप प्रेषित किया. आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जिसे कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था. ऑपरेशन कनविक्शन के तहत चिन्हित होने के बाद वाद प्रक्रिया में तीव्रता लाई गई.

विशेष लोक अभियोजक विपुल राघव ने बताया कि बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय/ विशेष न्यायालय एससी-एसटी कोर्ट के न्यायाधीश विजय पाल ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों के बयानो और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अनीस अहमद को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने कहा कि दोषी को अंतिम सास तक दोषी को जेल में रखा जाए. कोर्ट ने दोषी पर 4.56 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इसमें से 3.50 लाख रुपए प्रतिकार के रूप में पीड़िता को देने के आदेश किए हैं.

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