गोरखपुर 26 अप्रैल। गोरखपुर में गोरखनाथ इलाके के सुभाष चंद बोस नगर चौक के रहने वाले मालती लॉन के मालिक सुमित कुमार चौरसिया 40 साल के कारोबारी ने गुरुवार शाम पत्नी से विवाद के बाद छत पर बने कमरे पर जाकर फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
परिवार के लोग जब छत पर पहुंचे। देखा तो शव फंदे से लटक रहा था। कमरे से सुसाइड नोट मिला। मामला गोरखनाथ थाना क्षेत्र के सुभाष नगर कॉलोनी का है। सुभाष नगर कॉलोनी में रहने वाले कारोबारी सुमित चौरसिया (40) का मालती लॉन के नाम से मैरिज हॉल है। सुमित की शादी 4 साल पहले यानी 2021 में राप्तीनगर शाहपुर निवासी राखी के साथ हुई। दोनों से दो बच्चियां हैं। बड़ी बेटी ढाई साल की तो छोटी छह महीने की है।
सुमित की 6 बहनें हैं। सभी की शादी हो चुकी है। 4 भाइयों में वह तीसरे नंबर के थे। सबसे छोटे भाई की शादी नहीं हुई है। सुमित के पिता ईश्वरचंद का निधन हो चुका है। सुमित ने गोदाम और मकान किराए पर दिया था।
वह मां, छोटे भाई, उसकी पत्नी, बच्चों के साथ दूसरी मंजिल पर रहते थे। सुमित की पत्नी 4 दिन पहले मायके से दोनों बच्चियों के साथ घर आई। गुरुवार शाम दोनों में किसी बात पर बहस हुई। इसके बाद सुमित छत पर टीनशेड से बने कमरे में में चले गए।
थोड़ी देर बाद मां और भाई छत पर गए तो कमरे में सुमित फंदे से लटके हुए थे। घटना के वक्त पत्नी और बच्चे भी घर पर ही थे। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया।
फोरेंसिक टीम को बुलाकर जांच कराई। सुमित के कमरे से सुसाइड नोट मिला। जिस पर पत्नी और सास के तानों से तंग आकर जान देने की बात लिखी हुई थी। पुलिस ने पत्नी से पूछताछ की।
मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन अब हार मान रहा हूं, जीवन साथी के रूप में मैंने गलत इंसान को चुन लिया, जिसका अंत ऐसे ही होना था। मेरा चरित्र हनन किया गया, लेकिन हर प्रताड़ना की एक सीमा होती है, आज उसका अंत हो चुका है।
मैंने अपने जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास किया। बहुत हद तक सफल रहा। पूरी कोशिश रही कि सबका जीवन स्तर सुधार सकूं, लेकिन मैं अपनी पत्नी का सुरसा रूपी मुंह भर नहीं पाया। इसलिए मेरा जीवन व्यर्थ है। अपनी सास और पत्नी की रोज-रोज की प्रताड़ना से तंग आ चुका हूं।
मेरी मौत की जिम्मेदार यही दोनों हैं। मेरी प्यारी छह बहनों से जीवनभर प्रेम मिलता रहा। मेरी मां समान बहनों से मेरी एक अंतिम आशा है कि मेरी दोनों बेटियों की शादी अच्छे घर में कराना। आप लोगों और मां से कहना चाहता हूं- मुझे माफ कर देना।
मैं जा रहा हूं..अगली बार फिर इसी परिवार में जन्म लूंगा। मेरे ससुराल पक्ष को मेरी लाश छूने या देखने का अवसर नहीं मिलना चाहिए। हिमांशु घर परिवार की जिम्मेदारी अब तुम्हारी है। मैंने अपने फोन के एक्सल सीट में सारा हिसाब लिख रखा है, देख लेना और संभाल लेना। अब पूर्ण विराम लग रहा है। राखी को इस घर से बालू का एक कण भी मत ले जाने देना।
CO गोरखनाथ रवि सिंह ने बताया- एक युवक ने सुसाइड किया है। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। एक सुसाइड नोट भी मिला है।