रायपुर 11 अक्टूबर। महादेव बेटिंग ऐप केस से जुड़ी बड़ी खबर है। इंटरपोल ने आज बेटिंग ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर को दुबई से गिरफ्तार किया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम महादेव ऐप के मालिक को एक हफ्ते के अंदर भारत ला सकती है। बताया जा रहा है कि इंटरपोल ने सीबीआई को सूचित किया है, जो नोडल एजेंसी है। बता दें कि मामले में ईडी ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। चंद्राकर पर 5,000 करोड़ रुपए के सट्टेबाजी रैकेट चलाने का आरोप है। इस मामले में विदेश मंत्रालय की मदद से यूएई सरकार से प्रत्यर्पण की मंजूरी मिल गई है।
महादेव ऐप के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर का डी कंपनी (दाऊद इब्राहिम) के साथ संबंध होने की जानकारी भी सामने आई है। देश के कई राज्यों में महादेव ऐप के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। ईडी में भी इस ऐप से संबंधित शिकायत दर्ज की गई है। इससे पहले, दिसंबर 2023 में सौरभ चंद्राकर को दुबई में हिरासत में लेने के बाद उन्हें ‘घर में नजरबंद’ कर दिया गया था।
मुंबई पुलिस ने 8 नवंबर 2023 को महादेव बेटिंग ऐप और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। माटुंगा पुलिस थाने में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत 30 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज हुआ था। आरोपियों पर चीटिंग करने और जुआ खिलाने के आरोप लगे थे। इसके बाद केस मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। जांच के लिए एक एसआईटी बनाई गई। FIR के मुताबिक, आरोपियों ने लोगों को 15 हजार करोड़ का चूना लगाया है।
पूरे देश में फैला है नेटवर्क
ईडी का दावा है कि इस नेटवर्क में देशभर में फैले 4,000 से ज्यादा ‘पैनल ऑपरेटर’ थे, जो करीब 200 ग्राहकों को सट्टा लगाने में मदद करते थे। इस धंधे से दोनों आरोपी हर दिन कम से कम 200 करोड़ रुपए कमाते थे। इस पैसे से उन्होंने यूएई में अपनी एक अलग दुनिया बना ली थी।
417 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच
पिछले साल सितंबर में, ईडी ने मुंबई, कोलकाता और भोपाल में 39 जगहों पर छापेमारी कर 417 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। जांच में पता चला कि चंद्राकर के दो अन्य साथी, अनिल और सुनील दमानी, भारत में इस नेटवर्क को चलाने में मदद करते थे। अनिल दमानी का काम पुलिस, नौकरशाहों और नेताओं को पैसे देकर चुप कराना था।
पूर्व अधिकारी के भी नाम
ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी, चंद्र भूषण वर्मा, का नाम भी इस मामले में उजागर किया है। वर्मा को यूएई से भेजे गए पैसे से रिश्वत दी जाती थी। यह पैसा रायपुर के एक जौहरी के जरिए वर्मा तक पहुंचता था।
पूछताछ के दौरान अनिल दमानी ने बताया कि उसने और उसके भाई ने पिछले 24-36 महीनों में हवाला के जरिए लगभग 65 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इसमें उसका कमीशन 6 लाख रुपए था।
पूर्व सीएम पर भी लगे आरोप
जांच में यह भी पता चला कि पुलिस अधिकारी वर्मा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा से सीधे संबंध थे। इसके जरिए वे पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखते थे।
इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब महादेव ऐप के ‘असली मालिक’ होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसने भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए दिए थे। यह मामला कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
शुभम सोनी और इसके बीच में क्या संबंध
ईडी ने दावा किया है कि शुभम सोनी नाम के इस व्यक्ति और भूपेश बघेल के बीच संबंध हैं। ईडी ने हवाला कारोबारी असीम दास के पास से 5.39 करोड़ रुपए नकद बरामद किए थे।
बता दें कि महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप का मामला तब चर्चा में आया, जब ईडी ने दावा किया कि उसने एक ‘कैश कूरियर’ के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुलासा हुआ कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 5.39 करोड़ रुपए प्राप्त किए थे। हालांकि, बघेल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। ईडी की सिफारिशों के बाद 5 नवंबर 2023 को केंद्र सरकार ने महादेव बेटिंग ऐप सहित अवैध सट्टेबाजी वाले 22 ऐप और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था।