Date: 10/02/2025, Time:

माफिया अतीक की मन्नत समेत 50 करोड़ की चार संपत्तियां होगी सरकारी

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प्रयागराज 18 जुलाई। आपरेशन माफिया के तहत चल रही कार्रवाई का दायरा और बढ़ने वाला है। प्रयागराज में 50 करोड़ की संपत्ति के बाद अब माफिया अतीक की ग्रेटर नोएडा स्थित कोठी ‘मन्नत’ और लखनऊ वाला आलीशान बंगला सहित चार संपत्ति भी सरकारी होगी।

गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत नोएडा, लखनऊ और प्रयागराज स्थित चार संपत्तियों को पहले ही कुर्क किया जा चुका है। जब्त की गई प्रापर्टी का बाजार मूल्य करीब 50 करोड़ रुपये बताया गया है। इन संपत्तियों से संबंधित पत्रावली पर पुलिस कमिश्नर (सीपी) कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब उसे जिला न्यायालय के गैंगस्टर कोर्ट में भेज दी गई है।

गैंगस्टर कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद सभी प्रापर्टी राज्य सरकार में निहित हो जाएगी। मंगलवार को माफिया अतीक की 50 करोड़ की बेनामी संपत्ति राज्य सरकार में निहित हुई थी।बताया गया है कि ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 में माफिया अतीक को वर्ष 1994 मकान आवंटित हुआ था। उसी मकान में रहकर अतीक का एक बेटा नोएडा में पढ़ाई करता था। अतीक भी वहां आता-जाता था। पुलिस ने उसे चिन्हित करते हुए कुर्की की कार्रवाई की थी। वहीं, लखनऊ के गोमती नगर में अतीक का आलीशान बंगला था, जिसे कुर्क किया जा चुका है। इस बंगले में स्वीमिंग पूल से लेकर कई लग्जरी सुविधाएं थीं।

इस बंगले में माफिया अतीक के साथ ही उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन और बच्चे भी कभी-कभी रहा करते थे। इसके अलावा लखनऊ व प्रयागराज में दो और संपत्तियां हैं।

कौन कौन सी हैं संपत्तियां
1-ग्रेटर नोएड गौतमबुद्ध नगर के ब्लॉक ए, सेक्टर 36 स्थित भूखंड संख्या 107 पर बनी ‘मन्नत’ नाम की कोठी।
2- धूमनगंज के नसीरपुर सिलना स्थित 8750 वर्ग मीटर जमीन।
3- लखनऊ के गोमती नगर विजयंत नगर 300 वर्ग मीटर भूमि पर बना मकान।
4- लखनऊ के भैंसोरा गांव में स्थित 0.8470 हेक्टेयर भूमि।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, माफिया अतीक अहमद की 200 करोड़ की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट में कुर्क की जा चुकी है। यह संपत्ति अपराध से अर्जित मानी गई हैं। इनमें से 100 करोड़ की कुर्क संपत्ति को शासन में निहित कराने के क्रम में पुलिस की ओर से कार्रवाई पूरी कर ली गई है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही 50 करोड़ मूल्य की पूर्व में कुर्क संपत्ति को शासन के पक्ष में निहित करने के संबंध में आदेश आया है। खास बात यह है कि प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट के गठन के बाद यह कार्रवाई अमल में लाई जा सकी है।

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