asd लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई डिप्टी चीफ आफ आर्मी स्टाफ स्ट्रैटजी नियुक्त

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई डिप्टी चीफ आफ आर्मी स्टाफ स्ट्रैटजी नियुक्त

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नई दिल्ली 10 जून।पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई मीडिया में लगातार सुर्खियां बटोर रहे थे। पाकिसतान के डीजीएमओ ने सीजफायर के लिए राजीव घई को ही फोन किया था। वहीं, अब राजीव घई से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। भारत सरकार ने उन्हें डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ नियुक्त किया है। इसके साथ ही वो भारत के डीजीएमओ के पद पर भी कार्यरत रहेंगे।

रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी
रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान के साथ इस खबर की पुष्टि की है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारतीय सेना और खुफिया एजेंसी समेत अन्य अहम विभागों के बीच सामंजस्य बिठाने के लिए डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटजी) की पोस्ट बनाई गई है। यह भारतीय सेना के अहम पदों में से एक होगा।

बता दें कि 4 जून को हुए रक्षा अलंकरण समारोह 2025 के दौरान लेफ्टिनेंट राजीव घई को उत्तम युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने भारतीय सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लीड किया था। पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) ने सीजफायर के लिए लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन किया था, जिसके बाद 12 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का एलान किया था।

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई
बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई कुमाऊं रेजीमेंट के वरिष्ठ अधिकारी हैं। भारतीय सेना में सेवा के दौरान उन्होंने कई बड़े ऑपरेशन को लीड किया है। डीजीएमओ बनने से पहले वो चिनार कोर के जीओसी रह चुके हैं। खासकर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ कई मिशन में राजीव घई की अहम भूमिका रही है।

क्या है इस पद का महत्व?
भारतीय सेना में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ एक अत्यंत महत्वपूर्ण पद होता है। यह सेना प्रमुख के बाद दूसरी सबसे वरिष्ठ जिम्मेदारी मानी जाती है। इस पद पर बैठा अधिकारी सैन्य संचालन, रणनीति निर्माण, प्रशासनिक प्रबंधन और रक्षा मंत्रालय के साथ तालमेल जैसे कार्यों को अंजाम देता है। डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सुरक्षा) को सेना के सभी ऑपरेशनल वर्टिकल्स रिपोर्ट करते हैं, जिससे यह पद सामरिक दृष्टि से बेहद अहम हो जाता है।

कितनी बढ़ेगी सैलरी?
सातवें वेतन आयोग के अनुसार, DGMO जैसे वरिष्ठ पद पर कार्यरत अधिकारियों की बेसिक सैलरी 1,82,200 रुपये से 2,24,100 रुपये प्रतिमाह तक होती है। प्रमोशन के बाद डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की सैलरी 2,25,000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित होती है, जो एक तय सीमा है। हालांकि, इसमें विभिन्न भत्तों को मिलाकर कुल सैलरी 2.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये प्रति माह तक हो सकती है।

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