Date: 22/12/2024, Time:

नकली देशी घी बेचने के दोषियों को उम्रकैद की सजा

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कानपुर 15 मार्च। अपर जिला जज राम अवतार प्रसाद की कोर्ट ने नामी कंपनियों के नाम पर नकली देशी घी बेचने में दो लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 1.62-1.62 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। एक अभियुक्त की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। 15 साल तक मुकदमे की सुनवाई के बाद कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया है। एसटीएफ ने दोनों को गिरफ्तार किया था। उन पर मानव के स्वास्थ्य पर खतरनाक प्रभाव डालने, फर्जीवाड़ा करने की धाराएं लगाई गई थीं।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायत मिली थी कि कानपुर, फतेहपुर, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में नकली पराग और अमूल के टेट्रा और पाली पैक छपवाकर उनमें नकली देशी घी बेचा जा रहा है। तीन मार्च 2009 को एसटीएफ की टीम ने शहर के गांधीनगर में छापा मारा तो वहां तीन लोग ड्रम में रखे मिलावटी (अपमिश्रण) अनिक घी, अमूल, पराग, पारस के पैक में तौलकर भरते, गत्तों में पैक करते मिले।

तीनों ने अपने नाम देवनगर रायपुरवा निवासी मनोज कुमार गुप्ता, चकेरी के न्यू आजाद नगर में रहने वाले राजेंद्र प्रसाद मौर्या (मूलरूप से फतेहपुर निवासी) और हरजेंदर में रहने वाले विनोद कुमार प्रजापति (मूलरूप से कौशांबी निवासी) बताए। एसटीएफ की पूछताछ में उन्होंने बताया था कि वे रिफाइंड आयल के साथ मिलावट कर नकली घी बनाते और उसको नामी कंपनियों के नकली पैकिंग में भरकर बेचते हैं।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरङ्क्षवद डिमरी ने बताया कि 22 जुलाई 2013 को अदालत ने अभियुक्तों पर आरोप तय किए थे। अभियोजन ने आठ गवाहों की गवाही कराई। लैब में जांच के बाद नमूनों के मिलावटी होने के इविडेंस पेश किए। मुकदमे के ट्रायल के दौरान मनोज गुप्ता की मौत हो गई थी। अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर बाकी दोनों दोषियों को सजा सुनाई।

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