Date: 23/12/2024, Time:

लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी थल सेना प्रमुख नियुक्त

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नई दिल्ली 12 जून। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी अगले थलसेना प्रमुख होंगे। वह जनरल मनोज पांडे का स्थान लेंगे। जनरल पांडे 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी वर्तमान में थलसेना के उप-प्रमुख हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की नियुक्ति में सरकार ने वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन किया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वर्तमान में थलसेना के उप-प्रमुख के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सरकार ने अगला थलसेना प्रमुख नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 30 जून की दोपहर से प्रभावी होगी।

गौरतलब है कि पिछले महीने सरकार ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सेवानिवृत्ति से पहले जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था। जनरल पांडे को 31 मई को सेवानिवृत्त होना था। सरकार के इस कदम से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि थलसेना प्रमुख पद के लिए संभवत: लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की अनदेखी की जा सकती है।

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के बाद थलसेना में वरिष्ठतम अधिकारी दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं। एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 15 दिसंबर, 1984 को सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने रीवा स्थित सैनिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है।

मालूम हो कि रीवा सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को 1984 में 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में नियुक्त किया गया था, इस इकाई की उन्होंने बाद में कमान संभाली। उनको उत्तरी और पश्चिमी दोनों थिएटरों के संतुलित इक्सपोशर का अनूठा गौरव प्राप्त है।

एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था।

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की 5 प्रमुख उपलब्धियां
1. लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है.
2. उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर संचालन की योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और परिचालन निरीक्षण की पेशकश की. अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में गतिशील आतंकवाद विरोधी अभियानों का भी संचालन किया.
3. बताया गया कि इस अवधि के दौरान उपेन्द्र द्विवेदी चीन के साथ विवादास्पद सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चल रही वार्ता में सक्रिय रूप से शामिल थे.
4. वह सबसे बड़ी भारतीय सेना कमान के आधुनिकीकरण और उसे सुसज्जित करने में भी शामिल थे, जहां उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के हिस्से के रूप में स्वदेशी उपकरणों को शामिल करने का काम किया.
5. लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, उन्होंने विभिन्न कमांड, स्टाफ, इंस्ट्रक्शनल और विदेशी नियुक्तियों में काम किया है. द्विवेदी की कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट (18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (26 सेक्टर असम राइफल्स), महानिरीक्षक, असम राइफल्स (पूर्व) और 9 कोर की कमान शामिल है.

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