ग्रेटर नोएडा 16 अगस्त। नोएडा के सेक्टर-135 स्थित नंगली नंगला गांव की फर्जीवाड़ा कर 13000 वर्गमीटर जमीन पांच लोगों के नाम दर्ज कर दी गई। जमीन की कीमत करीब 260 करोड़ रुपये है। करीब एक साल बाद फर्जीवाड़ा सामने आने पर गांव के सर्वे लेखपाल ने सहायक अभिलेख अधिकारी की कोर्ट के तत्कालीन पेशगार व पूर्व लेखपाल दीपक शर्मा के खिलाफ सूरजपुर कोतवाली में शिकायत दी है। आरोप है कि मामले में पेशगार ने फर्जी आदेश तैयार किया था। जबकि कार्यालय में उस आदेश की कोई फाइल नहीं मिली।
नंगली नंगला गांव निवासी गोर्वधन पुत्र रामशरन की मौत 7 सितंबर 2003 को हो गई थी। उनके नाम गांव के खसरा नंबर-73 की 0.2020 हेक्टयेर, खसरा नंबर 136 की 0.0430 हेक्टेयर का 1/4 भाग, खसरा नंबर -234 की 0.6450 हेक्टेयर, खसरा नंबर 235/1 की 0.1260 हेक्टेयर, खसरा नंबर 236 की 0.2910 हेक्टेयर, खसरा नंबर 237/1 की 0.1640 हेक्टेयर, खसरा नंबर 238/1 की 0.1270 हेक्टेयर का 1/2 भाग की जमीन थी। जो करीब 13000 वर्गमीटर हैं। गोवर्धन की मौत के बाद संपत्ति की विरासत को लेकर विवाद चल रहा है। आरोप है कि 20 जून, 2023 को गोवर्धन के वसीयतनामा के आधार पर 13000 वर्ग मीटर जमीन पांच लोगों के नाम दर्ज कर दी गई।
गांव के सर्वे लेखपाल अमित कुमार की ओर से सूरजपुर कोतवाली में दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक तत्कालीन पेशगार दीपक शर्मा ने जमीन दस्तावेज में दर्ज करने के लिए आदेश दिया। 23 जून, 2023 को आदेश राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया गया। रिकॉर्ड में आदेश दर्ज होने के बाद पेशगार दीपक शर्मा पत्रावली को अपने साथ ले गया। अब हरियाणा से सीमा विवाद हो लेकर गांव का सर्वे चल रहा है। सर्वे के दौरान गांव में खतौनी को सार्वजनिक किया गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति की। आपत्ति पर जांच में आदेश की पत्रावली नहीं मिली। पत्रावली की तलाश की गई तो पता चला कि उस नंबर की पत्रावली किसी और केस की है। जिसके बाद आदेश के फर्जी होने की बात सामने आई है।
सहायक अभिलेख अधिकारी की कोर्ट की जिस पत्रावाली के आदेश पर जमीन को 5 लोगों के नाम दर्ज किया गया है। उस नंबर की पत्रावली फलैदा खादर गांव की है। जिसमें केडी अग्रवाल बनाम महेंद्र आदि के नाम से केस आज भी विचाराधीन है। जिससे स्पष्ट हुआ कि जो आदेश पेशगार ने दिया, वो फर्जी था।
नंगली नंगला गांव नोएडा में है। वहां जमीन के रेट दो लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच चुके हैं। गांव की 13000 वर्ग मीटर जमीन की कीमत करीब 260 वर्ग मीटर आंकी गई है। इस जमीन को पांच लोगों के नाम फर्जी तरीके से दर्ज किया गया हैं।
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद तत्कालीन अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। उस समय सहायक अभिलेख अधिकारी धर्मेंद्र सिंह थे। जो सिटी मजिस्ट्रेट नोएडा रहे हैं। हाल ही में उनका तबादला हुआ है। वहीं तत्कालीन नायब तहसीलदार सचिन, नंगली नंगला के सर्वे लेखपाल अमित कुमार और पेशगार दीपक शर्मा थे। इन सभी की भूमिका संदिग्ध हैं। दीपक शर्मा सर्वे लेखपाल भी है। उन पर पूर्व में फलैदा गांव की खतौनी गायब करने का आरोप लगा चुका है। उनको जिले से तबादला हो चुका हैं। अफसरों का कहना है कि पुलिस की जांच में इनकी भूमिका साफ होगी।