13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा पर शुरू हुआ कुंभ मेला महाशिवरात्रि का 26 फरवरी को स्नान कर होगा समाप्त। जहां तक कुंभ में स्नान करने की बात है तो वो तो कुंभ हो या ना हो त्रिवेणी में नहाने का अपना अलग महत्व है। यह कुंभ जहां तक देखा सुना स्नान के साथ दिलों को जोड़ने और दुनिया में देश का मान सम्मान बढ़ाने वाला रहा। यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि सनातन धर्म को बल और सनातनी सोच बढ़ेगी। सनातनियों ने इस महाकुंभ में 440 साल पुराना आदि विश्वेश्वर का वैभव देखा। तो दूसरी ओर मंदिरों की सुरक्षा देखभाल के प्रति भी नागरिकों में जागरूकता बढ़ी है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि आधे से अधिक सनातनी लगा चुके हैं डुबकी। तो यह भी कहा जा रहा है कि महाशिवरात्रि तक 65 करोड़ लोग कुंभ स्नान का पुण्य कमा चुकेंगे। त्रिवेणी स्नान का परम लाभ भी मिलेगा। बताते हैं कि मेले में अपने काल में मंदिर और धार्मिक स्थान बनाने में सफल रही रानी अहिल्याबाई से लेकर भगवान राम के समय की प्रदर्शनी लगाई गई। महाकुंभ में दुनिया के हर देश से श्रद्धालु आए और कुंभ में स्नान किया। अब इस कुंभ से यह सिद्ध हो गया है कि कुंभ अब धार्मिक आयोजन ही नहीं दिव्य आध्यात्मिक अनुभव होने के साथ ही व्यापार की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो गया है। यहां आने वाले व्यापारियों को आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। कुंभ की शुरूआत से समाप्ति तक जिन लोगों ने किसी भी रूप में यहां अपनी सेवाएं दी। हम उन्हें अपनी बधाई और शुभकामनाएं देने के साथ ही पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार व्यक्त करते हैं कि वो सनातनियों को इतनी बड़ी संख्या में एकजुट कर पाए।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सनातन परंपरा करने में सफल रहा कुंभ, धर्म के प्रति नागरिकों में बढ़ेगा श्रद्धाभाव
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