बीती 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल शंकर राय चौधरी ने कहा कि खुफिया विफलताओं के कारण हुआ। पूर्व वायुसेना प्रमुख अरूप राहा का कहना है कि पहलगाम हमले के मददेनजर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ सैन्य अभियान चलाने का समय आ गया है। पूरे देश में इस घटना को लेकर रोष व्याप्त है। सरकार रक्षा मंत्रालय और जवान इस मामले का मुंहतोड़ जवाब देंगे यह भी पक्का है। लेकिन फिलहाल किस्तवाड़ में सेना की वर्दी सहित उपयोग में आने वाली अन्य वस्तुओं की बिक्री पर जिला उपायुक्त ने प्रतिबंध लगा दिया है। जिला मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 163 के तहत कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति सेना की लड़ाकू पोशाक की खरीद या भंडारण सिलाई और बिक्री नहीं करेगा। सेना के कपड़ों की खरीद बिक्री भंडारण करने वाली सभी अधिकृत फर्म व दुकानें इस व्यवसाय को करने के अपने अधिकार के बारे में निकट के पुलिस स्टेशन को लिखित रूप में सूचित करेंगे। दूसरी तरफ केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से एक परामर्श में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी मीडिया मंचों, समाचार एजेंसियों को सलाह दी जाती है कि वह रक्षा और सुरक्षा अभियानों से संबंधित रिर्पोिटंग करते हुए जिम्मेदारी से काम करें। क्योंकि सीधा प्रसारण करने से देश में विरोधी तत्वों को मदद मिल सकती है। इससे संबंध खबरों को पढ़कर मुझे लगता है कि जो आदेश किस्तवाड़ के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किया गया। उसे पूरे देश में सुरक्षा के संदर्भ में लागू किया जाना चाहिए। मैं किसी के भी बारे में ना तो कोई टिप्पणी गलत रूप में कर रहा हूं ना किसी को गलत बताने का मेरा इरादा है। लेकिन देश में पहलगाम घटना के बाद यह सब प्रकरण चल रहे हैं उन्हंें ध्यान में रखते हुए कुछ लोगों में होने वाली चर्चा महत्वपूर्ण है कि सेना में सामान सप्लाई करने वाले ठेकेदारों एवं जो किराए पर गाड़ियां मंगवाई जाती है कुछ समय के लिए उनके आवागमन पर प्रतिबंध लगाया जाए या एक सीमा तय की जाए कि कौन कहां तक जा सकता है और किस किस से बात कर सकता है। जो किराए पर गाड़ियां मंगाई जाती है उसके लिए क्या सुरक्षा और एहतियात बरते जाने हैं इसका आदेश रक्षामंत्रालय द्वारा जारी कर आम आदमी के मन में जो शंका उठ रही है उसे ध्यान में रखते हुए जारी किए जाएं। आम आदमी का भी सोचना हेै कि किसी भी प्रकार की लापरवाही देशहित में नहीं कही जा सकती। पूर्व सेना प्रमुख शंकर राय द्वारा कहे गए शब्दों के बाद खुफिया असफलता दोबारा नजर ना आए इसलिए जरूरी है कि हर कदम पर सुरक्षा और एहतियात बरती जाए। क्येांकि नागरिक भी चाहते हैं कि कहीं भी कोताही नहीं होनी चाहिए।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
पहलगाम की घटना को ध्यान में रखते हुए सेना की वर्दी और अन्य वस्तुओं पर किस्तवाड़ जैसी रोक देशभर में हो लागू, सामान सप्लायरों और टैक्सी कारो के बारे में भी लिया जाए निर्णय
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