मुजफ्फरनगर 30 अक्टूबर। मुजफ्फरनगर दंगा मामले में भड़काऊ भाषण देने और निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में आरोपी राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री सुरेश राणा और अशोक कटारिया, भाजपा के पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह समेत कई बीजेपी नेता मुजफ्फरनगर एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए. उनके खिलाफ वारंट जारी हुए थे. उन्होंने अपना वारंट कोर्ट में रिकॉल कराया. इसके बाद उन्हें करीब तीन घंटे तक न्यायिक हिरासत में रखा गया.
इन सभी पर साल 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के दौरान नंगला मदौड़ पंचायत में भड़काऊ भाषण देने और निषेधाज्ञा उल्लंघन का आरोप है. इनमें एक आरोपी डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के खिलाफ फिर से गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. वह पहले की तरह फिर से कोर्ट में पेश नहीं हुए. कोर्ट में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए विशेष न्यायाधीश देवेंद्र फौजदार ने आगामी 16 नवंबर की तारीख तय की है और इस दिन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा किया गया है. 31 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर के नंगला मंदौड़ में पंचायत हुई जिसमें आरोपियों ने भीड़ में बीच में भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसके बाद मुजफ्फरनगर और शामली में दंगा भड़क गया था. जिसमें 60 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. इस दंगे में घर-दुकान और अन्य संपत्तियों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी. इस दंगे की वजह से 40 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे.
बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामवीर सिंह ने बताया कि मंगलवार को भड़काऊ भाषण और निजी परिवाद मामले में कई नेता उपस्थित हुए। पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा समेत कई नेताओं ने अपने वारंट रिकॉल कराए। इस मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट ने 16 नवंबर की तिथि नियत की है।
12 आरोपियों के जारी हुए थे एनबीडब्ल्यू
बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामवीर सिंह ने बताया कि भड़काऊ भाषण और अन्य धाराओं में कोर्ट में पेश न होने के कारण कोर्ट ने पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद कुंवर भारतेन्दू, रविन्द्र, कल्लू, योगेश, सचिन व मिंटू के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए थे। मंगलवार को पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद कुंवर भारतेन्दू, योगेश, कल्लू और अन्य कोर्ट में पेश हुए है।
उन्होंने बताया कि सभी नेता लगभग तीन घंटे न्यायिक हिरासत में रहें। बाद में कोर्ट ने एक-एक लाख रुपए के मुचलके पर सभी को रिहा करते हुए आदेश दिए है कि सभी नियमित रुप से कोर्ट में तारीख पर उपस्थित हों। इस मामले में पेश न होने पर रविन्द्र के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है।
निजी परिवाद हुए यह नेता पेश
तत्कालीन एडीएम प्रशासन इंद्रमणि त्रिपाठी के आदेश पर निषेधाज्ञा उल्लंघन के मामले में निजी परिवाद भी 21 आरोपियों के खिलाफ दर्ज कराया गया था। इनमें राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल सहित, सांसद हरेन्द्र मलिक, उमेश मलिक, साध्वी प्राची, यति नरसिंहानंद सरस्वती और कई पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक शामिल हैं।
बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामवीर सिंह ने बताया कि निजी परिवाद मामले में पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद कुंवर भारतेन्दू, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व विधायक अशोक कंसल, आचार्य यति नरसिंहानंद, अशोक कटारिया, कल्लू, योगेश, मिंटू, शिवकुमार, सचिन व रविन्द्र के कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिए है।
मंगलवार को पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री अशोक कटारिया, पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व सांसद कुवर भारतेन्दू, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, साध्वी प्राची, श्यामपाल व बिट्टू सिखेडा कोर्ट में पेश हुए है। वहीं कोर्ट ने उपस्थित न होने पर आचार्य यति नरसिंहानंद समेत अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए है।