पेरिस 06 सितंबर। पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय एथलीट कपिल परमार ने जूडो में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. कपिल ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में ब्राजील के खिलाड़ी को सिर्फ 33 सेकेंड में हराते हुए ब्रॉन्ज अपने नाम कर लिया. इसके साथ ही पैरालंपिक इतिहास में जूडो में मेडल जीतने वाले वो पहले भारतीय बन गए. भारत का 25वां मेल है और इसके साथ ही भारत ने पेरिस गेम्स के अपने मेडल लक्ष्य को हासिल कर लिया है. कपिल ने ब्राजील के एलिएल्टन डिओलिवियेरा को 10-0 से हराते हुए ये सफलता हासिल की. इन पैरालंपिक में भारत का ये 11वां ब्रॉन्ज मेडल है.
कपिल ने पुरुषों की 60 किलोग्राम J1 कैटेगरी में ये ब्रॉन्ज मेडल जीता है. बचपन में करंट लगने के कारण धीरे-धीरे कपिल की आंखों की रोशनी कम होने लग गई थी, जिसका असर अभी तक उनके जीवन पर दिखता है. ऐसे में बेहद कम नजर के बावजूद कपिल ने खुद को पैरालंपिक के लिए तैयार किया और आज ये ऐतिहासिक सफलता उनकी झोली में आ गई है.
अपनी कैटेगरी में वर्ल्ड नंबर-1 रैंक कपिल ने गुरुवार 5 अगस्त को अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में वेनेजुएला के मार्कोस ब्लांको को 10-0 से हराते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. यहां पर कपिल के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें थीं लेकिन ईरान के एथलीट के खिलाफ उन्हें हार का सामना करना पड़ा. सेमीफाइनल में ईरान के जुडोका बनिताबा खोर्रम ने कपिल को 10-0 से हराया था. ऐसे में कपिल के पास मेडल के लिए आखिरी विकल्प ब्रॉन्ज मेडल मैच ही था और इस बार उन्होंने मौके को भुनाते हुए सिर्फ 33 सेकेंड में मेडल अपने नाम कर लिया.
कपिल की ये उपलब्धि कई मायनों में खास है. 2017 में जूडो में एंट्री करने वाले कपिल पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले भारत के पहले दृष्टि-बाधित जुडोका थे. वो सिर्फ इसी उपलब्धि पर नहीं रुके बल्कि मेडल लेकर ही लौटे. इससे पहले कपिल ने पिछले साल हांगझू में हुए पैरा एशियन गेम्स में भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. वहीं उसी साल उन्होंने एलेक्जैंड्रिया में आईबीएसए जूडो ग्रां प्री का गोल्ड मेडल जीता था और फिर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.
बताते चले कि भारत का ये 25वां मेडल है, जिसमें 5 गोल्ड, 9 सिल्वर और अब 11 ब्रॉन्ज हो गए हैं. इस तरह मेडल टैली में भारत 14वें स्थान तक पहुंच चुका है. भारतीय एथलीट्स ने एक दिन पहले ही टोक्यो पैरालंपिक के आंकड़े को पार कर इतिहास रच दिया था. टोक्यो में भारत की झोली में 19 मेडल आए थे.