नई दिल्ली 17 अप्रैल। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट) के लिए जापान भारत को दो शिंकानसेन ट्रेन E5 और E3 मुफ्त में देगा। इनकी डिलीवरी 2026 की शुरुआत में हो सकती है। 508 किमी लंबे कॉरिडोर में 360 किमी यानी करीब 71% काम लगभग पूरा हो चुका है।
ऐसे में कॉरिडोर का कुछ हिस्सा अगस्त, 2027 में शुरू किया जा सकता है। तब तक भारत के तापमान और धूल जैसी चुनौतियों के बीच ट्रेन का ट्रायल करके महत्वपूर्ण डेटा जुटाया जाएगा।
जापान इस समय बुलेट ट्रेन के E10 मॉडल पर काम चल रहा है। यह E3 और E5 की तुलना में काफी तेज और माडर्न होगा। जापान टाइम्स के मुताबिक E10 को दोनों देशों यानी भारत और जापान में एक साथ ट्रैक पर उतारने पर मंथन चल रहा है।
हालांकि E10 को तैयार होने में वक्त लगेगा, ऐसे में E3 और E5 से काम चलेगा। इन दोनों ट्रेनों से मिले डेटा के आधार पर E10 को अपग्रेड करने में भी मदद मिलेगी। इन ट्रेनों में ज्यादा सामान रखने की जगह और कठोर मौसम में ढलने लायक बनाया जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जापान 2026 की शुरुआत में भारत को E5 और E3 सीरीज के एक-एक ट्रेन सेट भारत को देगा। जिसके बाद उनमें टेस्टिंग इक्विपमेंट्स लगाए जाएंगे। ये टेस्टिंग ट्रेनें भविष्य में भारत में E10 ट्रेनों के संभावित उत्पादन में मदद करने के लिए हाई टेम्पेरेचर और धूल के प्रभावों के साथ-साथ ड्राइविंग परिस्थितियों पर डेटा इकट्ठा करेंगे।
2027 में होगी पहली बुलेट ट्रेन की डिलीवरी
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड ट्रेन रूट के लिए शिंकानसेन की E10 ट्रेन को चुन सकती है। जिसकी डिलीवरी 2027 में की जा सकती है, जिस समय देश का पहला बुलेट ट्रेन रूट आंशिक रूप से खोले जाने की योजना है।
प्रोजेक्ट के कुल खर्च का 80% लोन पर
बताते चलें कि भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी फंडिंग कर रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट में खर्च होने वाली रकम का 80 फीसदी पैसा ये एजेंसी ही देगी। भारत सरकार, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी को इस लोन का भुगतान 0.01 प्रतिशत की ब्याज दर 50 साल में करेगी।