नई दिल्ली 01 मई। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म आईटीआर-1 और आईटीआर-4 को नोटिफाइड कर दिया है. 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक के वित्तीय वर्ष के दौरान अर्जित आय के लिए आईटीआर नए फॉर्म का इस्तेमाल करके दाखिल किया जा सकता है. आईटीआर-1 फॉर्म को सहज और 4 को सुलभ के नाम से भी जाना जाता है. ज्यादातर टैक्सपेयर्स आईटीआर-1 फॉर्म (ITR Form-1) के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं.
इस साल आईटीआर फॉर्म में एक बड़ा बदलाव यह है कि सेक्शन 112ए के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) जमा करने के लिए आईटीआर-1 (सहज) दाखिल किया जा सकता है. हालांकि, इसकी शर्त यह है कि एलटीसीजी 1.25 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और आयकरदाता के पास कैपिटल गेन कैटेगरी के तहत कैरी फॉरवर्ड या सेट ऑफ करने के लिए कोई नुकसान नहीं हो. इससे पहले, आईटीआर 1 में कैपिटल गेन टैक्स की रिपोर्टिंग का प्रावधान नहीं था. इस साल सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों और इक्विटी एक्सपोजर वाले म्यूचुअल फंड की बिक्री से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर अपना रिटर्न दाखिल करने के लिए करदाता आईटीआर-1 का उपयोग कर सकते हैं.
ये नहीं कर भर पाएंगे सहज फॉर्म
हालांकि, आईटीआर-1 फॉर्म का इस्तेमाल वे करदाता नहीं कर सकते हैं, जिन्हें गृह संपत्ति की बिक्री से या सूचीबद्ध इक्विटी और इक्विटी म्यूचुअल फंड से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ हो. सीबीडीटी के मुताबिक, आईटीआर-1 और आईटीआर-4 दोनों फॉर्म में 80सी से लेकर 80यू तक की सभी कटौतियों को ई-फाइलिंग सुविधा में ड्रॉप-डाउन से चुना जाना चाहिए. वहीं, धारा 89ए के अंतर्गत आने वाले विदेश में रखे गए सेवानिवृत्ति खातों से आय पर अब बेहतर फील्ड और रिलीफ ट्रैकिंग सुविधा होगी.
आईटीआर-4 सेक्शन 44एडी (बिजनेस) के तहत अगर डिजिटल लेनदेन व्यवसाय के लेनदेन का 95 प्रतिशत तक है, तो टर्नओवर सीमा अब 3 करोड़ रुपए होगी. धारा 44एडीए (प्रोफेशनल) में समान डिजिटल रसीद शर्त के तहत अब सीमा बढ़ाकर 75 लाख रुपए कर दी गई है. निष्क्रिय खातों को छोड़कर पिछले वर्ष के दौरान भारत में रखे गए सभी बैंक खातों को अब आईटीआर 1 और आईटीआर 4 फॉर्म में अनिवार्य रूप से रिपोर्ट करना होगा.
कौन भर सकता है आईटीआर-1 फॉर्म
ज्यादातर टैक्सपेयर्स आईटीआर-1 फॉर्म (ITR Form-1) के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं. इसे सहज के नाम से भी जाना जाता है. यह फॉर्म उन लोगों को भरना होता है जिन वेतन, प्रॉपर्टी, ब्याज तथा कृषि से 5000 रुपये तक हुई आय को मिलाकर कुल आय 50 लाख रुपये तक है. जब करदाता ई फाइलिंग पोर्टल पर आईटीआर फॉर्म-1 सेलेक्ट करता है तो टैक्सपेयर से संबंधित जानकारियां ई-फाइलिंग वेबसाइट पर फॉर्म में पहले से ही भरी होती हैं.
आईटीआर-4 फॉर्म
ITR-4 (सुगम) फॉर्म उन लोगों के लिए है जिनकी आय पेशे या बिजनेस से आती है और प्रिज़म्प्टिव टैक्सेशन स्कीम के तहत कवर होती है. रेजिडेंट टैक्सपेयर, HUFs और फर्म (LLP को छोड़कर), जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है, वो यह फॉर्म भर सकते हैं. जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से है और सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत आती और जिनका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 112A के तहत 1.25 लाख रुपये तक है, उन्हें भी यह फॉर्म भरना होता है.