हरिद्वार 04 जुलाई। कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होनी है इसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को हरिद्वार स्थित मेला नियंत्रण भवन में कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बार ‘क्लीन एंड ग्रीन कांवड़ यात्रा’ का संदेश व्यापक स्तर पर दिया जाए। एक सवाल के जवाब में सीएम धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबा, रेस्तरां, होटल और सड़क किनारे खाने-पीने की दुकानों के मालिकों को अपने खाद्य लाइसेंस को प्रमुखता से प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है।
यात्रा मार्गों पर अतिक्रमण मुक्त व्यवस्था, स्वच्छता, यातायात, स्वास्थ्य सेवा, सुरक्षा और तकनीकी निगरानी की उच्चतम व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस यात्रा के सफल संचालन के लिए ‘उत्तराखंड कांवड़ सेवा एप’ विकसित किया जाए, जिसमें कांवड़ यात्रियों से संबंधित सभी सूचनाएं समाहित हों, और जिसका उपयोग प्रत्येक वर्ष कांवड़ यात्रा संचालन के दौरान किया जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा को आगामी अर्द्धकुंभ का पूर्वाभ्यास मानते हुए सभी व्यवस्थाएं उच्चतम स्तर पर होगी। अन्य राज्यों जहां से बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री आते हैं। इसलिए समन्वय स्थापित कर रियल-टाइम डाटा शेयरिंग के लिए अन्य राज्यों से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यात्रा मार्गों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यात्रा से पूर्व समस्त अतिक्रमणों को हटाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
सीएम धामी ने कहा कि ढाबों एवं होटलों में सुरक्षा मानकों के अनुपालन, फूड लाइसेंस एवं रेट लिस्ट का सार्वजनिक प्रदर्शन, होटल स्वामियों के नामों का स्पष्ट उल्लेखन न होने और ओवररेटिंग की शिकायत पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
थूक जेहाद जैसी घटनाएं पहले आई हैं, इस प्रकार की घटनाएं न हो इसके लिए सख्ती से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कावड़ियों की सुविधा को देखते हुए स्थानीय निकायों के सहयोग से रैन बसेरों, टेंट सिटी, आश्रय स्थलों का निर्माण किया जाए। यात्रा मार्गो पर आर.ओ टैंकर, वाटर एटीएम की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा बीते सालों के अनुभवों के आधार पर पार्किंग की अतिरिक्त व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कावड़ यात्रा से संबंधित सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ भी सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं के लिए क्या करें और क्या नहीं करें की जानकारी यात्रा मार्गों पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कावड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। सीसीटीवी और ड्रोन से नियमित निगरानी हो। कांवड़ रूट का जीआईएस मैपिंग आधारित ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए और ए.आई आधारित ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जाए। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एस.डी.आर.एफ, एन.डी.आर.एफ की तैनाती, बारिश और भूस्खलन की पूर्व चेतावनी प्रणाली सक्रिय की जाए। साथ ही संवेदनशील घाटों पर एनाउंसमेंट सिस्टम भी मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा संपूर्ण हरिद्वार क्षेत्र में खोया पाया केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाए।
जिला अधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने बताया कि इस वर्ष कावड़ मेला 11 से 23 जुलाई तक आयोजित होगा। इस वर्ष मेले को कुल 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में बांटा गया है। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोगों की सहूलियत अनुसार यातायात व्यवस्था की गई हैं। उन्होंने बताया चार धाम जाने वाले श्रद्धालु, स्थानीय लोगों एवं कावड़ यात्रियों के लिए अलग-अलग यातायात व्यवस्थाएं भी लागू की गई है।
बैठक में राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, विधायक मदन कौशिक, प्रदीप बत्रा, आदेश चैहान, ममता राकेश, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चैधरी, मेयर किरण जेसल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश झा, पंकज पांडेय, विनोद कुमार सुमन, विनय शंकर पांडे, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विनय रूहेला, दर्जा राज्यमंत्री ओम प्रकाश जमदग्नि, शोभाराम प्रजापति, सुनील सैनी, श्यामवीर सैनी, जयपाल सिंह चैहान, देशराज कर्णवाल, गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।