तेहरान, 13 जून। इजराइल ने आज सुबह ईरान के एटमी और दूसरे सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया है। इसमें ईरान के 2 बड़े सैन्य अधिकारी और 2 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। ईरान ने इजराइल पर जवाबी हमले में 100 से ज्यादा ड्रोन दागे हैं। इससे पहले आज सुबह इजराइल ने ईरान पर 200 फाइटर जेट्स से हमला किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइली सेना ने तेहरान के आसपास कम से कम 6 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इन 6 में से 4 जगहों पर परमाणु ठिकाने भी मौजूद हैं। एक सीनियर ईरानी अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि राजधानी तेहरान में शाहरक शाहिद महालती नामक जगह पर हमला हुआ। यहां पर हाई रैंक वाले ईरानी सैन्य अफसर रहते हैं। हमले में 3 इमारतें तबाह हो गई हैं। एक इजराइली सैन्य अधिकारी ने दावा किया कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बना रहा है और उसके पास कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बनाने लायक सामग्री है। इसे रोकने के लिए यह हमला किया गया।
इजरायली पीएम नेतन्याहू ने ईरान को खुली चुनौती दी है। उन्होंने बताया कि ईरान में एयर स्ट्राइक करने की जरूरत क्या थी। उन्होंने अपने संबोधन में कई बातों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस सैन्य अभियान का उद्देश्य इजरायल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को कम करना है। ये अभियान उस खतरे को खत्म करने के लिए जितने दिनों तक आवश्यक होगा, जारी रहेगा। दशकों से, तेहरान में अत्याचारी खुले तौर पर और बेशर्मी से इजरायल के विनाश का आह्वान करते रहे हैं।
हाल के वर्षों में, ईरान ने नौ परमाणु बमों के लिए पर्याप्त उच्च संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन किया है ।
हाल के महीनों में, ईरान ने ऐसे कदम उठाए हैं जो उसने पहले कभी नहीं उठाए थे, उस संवर्धित यूरेनियम को हथियार बनाने की दिशा में ये जो कदम उठा रहा है अगर रोका नहीं गया, तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता है। ये एक साल के भीतर हो सकता है। ये कुछ महीनों के भीतर भी हो सकता है, एक साल से भी कम समय में हो सकता है।