Date: 04/02/2025, Time:

गलत मुआवजा बांटने कार्यों में लापरवाही और अफसरों की आय से अधिक संपत्ति की हो गई जांच है समाज हित में, नगर निगम प्राधिकरण आदि के कुछ चर्चित अफसरों ?

0

अपने यहां कुछ नौकरशाहों की निरंकुशता और लापरवाही चरम पर सिर चढ़कर पिछले कुछ वर्षों से चरम पर बोल रही है। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। लेकिन जिस प्रकार केंद्र सरकार व उच्चाधिकारियों द्वारा ऐसी सोच रखने वालों की लगाम कसने का काम शुरू किया गया है वो एक अच्छी शुरूआत कही जा सकती है।
देश के संविधान में अच्छे लोगों को बढ़ावा और अपराधियों को सजा देने के प्रावधान उपलब्ध कराए गए हैं लेकिन भ्रष्टाचारियों की लगाम बीच में कुछ ढीली थी इसलिए जो जनहित की योजनाएं बनाई जा रही थी उनका लाभ पात्रों तक नहीं पहुंच पा रहा था और विकास कार्य समय से नहीं हो पा रहे थे लेकिन वर्ष 2024-25 में जिस प्रकार शासन द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों की जांच कराकर दोषियों को सजा दी जा रही है उसी प्रकार गलत तरीके से मुआवजा बांटने वाले कुछ सरकारी बाबूओं की खबर लिए जाने का समय आ गया लगता है क्योंकि अदालत के आदेश के बिना गेझा तिलयताबाद भूड़ा समेत जिन गावों की जमीनों के मुआवजे अपात्रों को दिए गए तथा बरेली के सितारगंज हाइवे के चौड़ीकरण में भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी करने वाले सात राजस्व कर्मियों को निलंबित किया गया वो एक अच्छी और आशा की खबर है। यह कह सकते हें कि देर सवेर सरकार ने जिनको समय से पूर्व सेवानिवृति देने और पदों से हटाने की मुहिम चलाई है वो महत्वपूर्ण साबित होगी। आजकल आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में अधिकरियों और इंजीनियरों की जांच और कार्रवाई का अभियान चला है वो भी महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि अगर सरकार नगर निगमों प्राधिकरणों आवास विकास शिक्षा आबकारी जैसे विभागों के उन कुछ अफसरों की गोपनीय जांच कराए तो सैंकड़ों की तादात में ऐसे निकल आएंगे जिनके पास कई कई करोड़ रूपये आय से ज्यादा प्राप्ति के मिलेंगे। अगर ऐसा होता है तो यह कहा जा सकता है कि अब हमारी सरकार भ्रष्टाचार लापरवाही की समाप्ति के लिए संविधान के तहत कार्रवाई करने में धीरे धीरे ही सही अग्रणी भूमिका निभाने लगी है जो राष्ट्र के लिए आशा भरी खबर कह सकते हैं।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

Share.

Leave A Reply