उप्र सतर्कता अधिष्ठान ने जल निगम की इकाई सीएंडसी के अधिशासी अभियंता जयकार सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया है। इस बारे में एफआईआर में आरोप है कि अभियंता को अब तक आय से करीब डेढ़ करोड़ अर्जित हुए और उन्होंने करीब 2 करोड़ से ज्यादा खर्च किया। मेरठ के पिलौना के रहने वाले जयकार गाजियाबाद के गोविंदपुरम में रह रहे है। इनके खिलाफ जांच के आदेश मिलने पर विजिलेंस ने इनके बयान लिए और संतोषजनक जवाब न मिलने पर विजीलेंस के लखनउ सेक्टर द्वारा यह कार्रवाई की गई। वर्तमान में भ्रष्टाचार काम में लापरवाही और आय से अधिक संपत्ति जुटाने की जो होड़ है उससे पीएम मोदी और सीएम योगी की भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था लागू करने को नुकसान पहुंच रहा है। पूर्व में अदालत और सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी कुछ इंजीनियरों की कार्य पर सवाल उठा चुके हैं। जिस प्रकार से नई सड़कें कुछ ही दिनों में टूट रही है। अवैध निर्माण बढ़ रहे है। बिना काम कराए भुगतान की खबरें मिलती है उसे देखकर कहा जा सकता है कि यह शुरूआत समयानुकुल है। मेरा मानना है कि बिजली विभाग विकास प्राधिकरण स्थानीय निकायों के कुछ अधिकारियों की संपत्ति की जांच कराई जाए तो उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले सामने आ सकते हैं। क्योंकि बताया जाता है कि इन विभागों के अधिकारी बड़े शहरों के वीआईपी इलाकों में महंगी संपत्तियां लेकर करोड़ो के मालिक बन बैठे हैं तो कितनों ने रियल इस्टेट के लोगों से बेनामी कान्टेक्ट किए बताए जाते है। इसलिए केंद्र व प्रदेश सरकार बेनामी और आय से ज्यादा संपत्ति की जांच का और तेजी से चलवाए तो काफी सुधार हो सकता है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
आय से ज्यादा संपत्ति बिजली विकास स्थानीय निकाय के कुछ अधिकारियों की कराई जाए जांच, कई राज खुल सकते हैं
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