पिछले कुछ दिनों से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा कुछ ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जिनसे हर विचारधारा का व्यक्ति अपने आपको जुड़ा और राहत महसूस कर रहा है। बीते दिनों सूखे बाढ़ से होने वाली आपदा को रोकने के लिए नदियों को जोड़ने के संदर्भ में उन्होंने निर्देश दिए। अब विधानपरिषद में उठे अवेध निर्माण के मुददे पर वह दोषियों को बख्श्ेांगे नहीं यह पक्का लगता है क्योंकि एक खबर के अनुसार अंसल ग्रुप के दिवालिया होने की खबरों के बीच सीएम योगी ने कहा कि अंसल गु्रुप के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। खरीददारों के हित सुरक्षित होने चाहिए। अन्य जिलों में भी अंसल ग्रुप के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराएं जाएं क्योंकि धोखाधड़ी आम उपभोक्ताओं के साथ बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
मुख्यमंत्री का मानना है कि हाईटेक सिटी का सपना दिखाकर लोगों की कमाई लूटने वाले प्रॉपर्टी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के दिवालिया होने पर उपभोक्ताओं को नुकसान होगा। इसलिए बीते सोमवार को उन्होंने आवास विकास और लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को तलब किया और अंसल गु्रप के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
एक खबर के अनुसार हाईटेक सिटी का सपना दिखाकर हजारों निवेशकों की गाढ़ी कमाई लूटने वाले अंसल प्रॉपर्टी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (अंसल एपीआई) के दिवालिया घोषित होने पर सरकार हरकत में आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए सोमवार को आवास विकास और लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को तलब किया। मुख्यमंत्री ने अंसल ग्रुप के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खरीदारों के हित हर हाल में सुरक्षित होने चाहिए। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंसल ग्रुप ने खरीदारों के साथ धोखा किया है, जिसे सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। इस दौरान उन्होंने कंपनी के सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। प्रभावित आमजन के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ जैसे मामले जिन भी जिलों में अंसल ग्रुप के खिलाफ सामने आ रहे हैं उन सभी जिलों में एफआइआर दर्ज कराई जाए। मुख्यमंत्री ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) और खरीदारों की एक समिति तैयार करने के निर्देश भी दिए, जिससे न्यायालय में अंसल के खिलाफ मजबूती से साक्ष्यों को प्रस्तुत किया जा सके। इससे अंसल ग्रुप के लोगों को सजा दिलाने में आसानी होगी।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की ओर से लखनऊ विकास प्राधिकरण व आवास विभाग को बिना नोटिस दिए एकपक्षीय आदेश पारित किया गया था। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उक्त आदेश के विरुद्ध अपील करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के साथ बैठक खत्म होने के तत्काल बाद एलडीए कार्यालय में पत्रकार वार्ता में उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने अंसल पर एफआइआर कराने और एनसीएलटी के निर्णय के विरुद्ध अपील दाखिल करने सहित आगे की कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आवंटियों को पूरा न्याय मिलेगा और जिसकी जो शिकायत होगी उस पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
उपाध्यक्ष ने कहा, एनसीएलटी के आदेश में एलडीए या आवास विभाग को न तो पक्षकार बनाया गया और न ही उसे नोटिस दिया गया, जबकि अंसल पर 400 करोड़ रुपये से अधिक का एलडीए का बकाया है। गांव सभा की जमीन सहित भूमि अर्जन करने में अंसल पर अनियमितता की शिकायतों की जांच होगी और यदि इसमें एलडीए या किसी अन्य विभाग के अधिकारी या कर्मचारी दोषी मिलते हैं तो कार्रवाई होगी।
बताते चलें कि 2005 में हाईटेक टाउनशिप की नीति के तहत सरकार ने लाइसेंस जारी किया था। खबर के अनुसार सरोजिनी नगर से भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री से अंसल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
अंसल के खिलाफ लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में धोखाधड़ी की एफआईआर के निर्देश, दोषी पाए जाने वाले अधिकारी बख्शे ?
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