नई दिल्ली 19 अक्टूबर। भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर जारी कूटनीतिक विवाद में एक नया मोड़ आया है। भारत ने कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी के एक अधिकारी संदीप सिंह सिद्धू का नाम आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में अपने भगोड़ों की सूची में जोड़ा है। यह जानकारी न्यूज़ रिपोर्ट्स के माध्यम से सामने आई है।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने हाल ही में भारतीय डिप्लोमैट्स पर आरोप लगाया था कि वह कनाडा में सिख अलगाववादियों को निशाना बना रहे हैं। इन सिख अलगाववादियों के बारे में जानकारी भारत सरकार को दे रहे हैं। आरोप है कि भारतीय अधिकारी इन जानकारियों को संगठित अपराध समूहों के साथ साझा कर रहे हैं, जो कनाडा में सिख कार्यकर्ताओं पर हमले, फिरौती और हत्याओं में शामिल हैं।
भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है। भारत ने कहा है कि कनाडा की ओर से निज्जर हत्याकांड में लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। इसके साथ ही भारत ने कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त और पांच दूसरे डिप्लोमैट्स को निष्कासित कर दिया। वहीं, कनाडा ने भी ओटावा में इंडियन हाईकमिश्नर समेत 6 डिप्लोमैट्स को निष्काषित कर दिया है। बता दें कि भारत लंबे समय से कनाडा पर खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगा चुका है। अब दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, CBSA के अधिकारी संदीप सिंह सिद्धू का नाम एक प्रतिबंधित संगठन अंतरराष्ट्रीय सिख युवा महासंघ से जुड़ा है। संदीप सिंह सिद्धू पर पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है। बताया जा रहा है कि2020 में बालविंदर सिंह संधू की हत्या में भी सिद्धू की भूमिका रही है। बालविंदर सिंह सिद्धू पंजाब में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक माने जाते थे।
यह रिपोर्ट विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची द्वारा पिछले हफ्ते की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने कनाडा से करीब 26 आरोपियों के प्रत्यर्पण की मांग की थी, जिस पर कनाडाई अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘हमने कनाडा सरकार के साथ लॉरेंस बिश्नोई गिरोह सहित गिरोह के सदस्यों के बारे में सुरक्षा संबंधी जानकारी साझा की थी और उनसे उन्हें (अपराधियों को) गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था … अब तक, हमारे अनुरोध पर कनाडा की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।’