नई दिल्ली 02 जुलाई। भारत ने ऐसा विस्फोटक पदार्थ बनाया है जो ट्राइनाइट्रोटॉल्विन (TNT) से दोगुना घातक है. इसे SEBEX-2 नाम दिया गया है. यह दुनिया के सबसे ताकतवर गैर-परमाणु विस्फोटकों में से एक है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे भारत की विस्फोटक क्षमता में क्रांति आ सकती है. बमों, आर्टिलरी शेल्स और वारहेड्स में SEBEX-2 का इस्तेमाल उनकी विनाशकारी क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा. नए विस्फोटक का वजन भी बेहद कम है. SEBEX-2 के फॉर्म्युलेशन को भारतीय नौसेना ने टेस्टिंग के बाद सर्टिफाई भी कर दिया है.
नेवी ने डिफेंस एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम के तहत SEBEX-2 की टेस्टिंग की. चूंकि इससे वर्तमान हथियारों की क्षमता में कई गुना इजाफा होता है, दुनियाभर की सेनाएं इस नए विस्फोटक का इस्तेमाल करना चाहेंगी. इस विस्फोटक को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत, Economic Explosives Limited ने बनाया है.
किसी विस्फोटक की घातकता TNT से तुलना करके आंकी जाती है. टीएनटी यानी ट्राइनाइट्रोटॉल्विन सबसे लोकप्रिय विस्फोटक है. 1 ग्राम TNT के विस्फोट में निकलने वाली ऊर्जा लगभग 4000 जूल होती है. एक मीट्रिक टन (1,000 किलोग्राम) TNT के धमाके से जितनी ऊर्जा निकलती है, उसे टीएनटी समतुल्य कहा जाता है. जितना टीएनटी समतुल्य ज्यादा होता है, वे उतने ही घातक होते हैं;
भारत का अभी तक का सबसे घातक गैर-परमाणु विस्फोटक ब्रह्मोस मिसाइल के वारहेड में लगता है, जिसकी टीएनटी तुल्यता 1.50 है. दुनिया के अधिकतर वारहेड्स की TNT तुल्यता 1.25-1.30 के बीच होती है. SEBEX-2 की TNT तुल्यता 2.01 है यानी यह अब तक का सबसे घातक गैर-परंपरागत विस्फोटक है.
इससे भी घातक विस्फोटक बनाने की तैयारी
नौसेना ने Economic Explosives Limited के पहले थर्मोबेरिक विस्फोटक SITBEX 1 को पहले ही सर्टिफाई कर रखा है. SITBEX 1 का विस्फोट समय लंबा है और इसमें भारी मात्रा में हीट जेनरेट होती है. रिपोर्ट के अनुसार, यह दुश्मन के बंकरों, सुरंगों और अन्य किलेबंदी वालों जगहों को निशाना बनाने में कारगर है. द इकॉनमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, SEBEX-2 को बनाने वाली कंपनी एक और विस्फोटक पर भी काम कर रही है. वह विस्फोटक TNT से 2.3 गुना ज्यादा घातक होगा.