वॉशिंगटन 12 नवंबर। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आगामी प्रशासन के लिए एक अहम नियुक्ति की है, जो भारत के लिहाज से बेहद अहम साबित हो सकती है। दरअसल ट्रंप ने अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के प्रमुख माइक वाल्ज को अपना नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाने का फैसला किया है। ट्रंप ने सोमवार को एलान किया कि फ्लोरिडा से सांसद और अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के प्रमुख माइक वाल्ज उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होंगे।
50 वर्षीय माइक वाल्ट्ज एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी हैं। माइक वाल्ज अमेरिकी सेना के विशेष बल ग्रीन बेरेट में काम कर चुके हैं। माइक वाल्ज साल 2019 में अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे। माइक वाल्ज को राष्ट्रपति बाइडन की विदेश नीति का कट्टर आलोचक माना जाता है। माइक वाल्ज हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी और हाउस इंटेलीजेंस कमेटी में भी बतौर सदस्य काम कर चुके हैं।
वाल्ज यूरोपीय देशों और अमेरिका से यूक्रेन का और मजबूती से समर्थन करने के समर्थक रहे हैं, लेकिन साल 2021 में अफगानिस्तान से जिस तरह से अमेरिकी सेना की वापसी हुई, उसकी वाल्ज ने तीखी आलोचना की थी। वाल्ज ने डोनाल्ड ट्रंप की उस नीति का समर्थन किया, जिसमें ट्रंप ने नाटो देशों से अपनी सुरक्षा पर ज्यादा खर्च करने को कहा था। रिपब्लिकन पार्टी ने चीन को लेकर जो टास्क फोर्स बनाई हुई है, उसमें भी माइक वाल्ज शामिल हैं।
भारत को मिल सकता है फायदा
माइक वाल्ज अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। यह अमेरिकी संसद में किसी देश पर केंद्रित सबसे बड़ा समूह है। इंडिया कॉकस एक द्विदलीय समूह है। इसमें वर्तमान में सीनेट के 40 सदस्य शामिल हैं। वाल्ज का भारत के प्रति रुख नरम रहा है। ऐसे में अमेरिका की हिंद प्रशांत महासागर को लेकर बनने वाली रणनीति में भारत की भूमिका अहम हो सकती है। वाल्ज भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और चीन का मुकाबला करने के मामले में मजबूत रणनीति बनाने के समर्थक रहे हैं। वह अनुभवी विदेश नीति विशेषज्ञ हैं। उन्हें अमेरिका-भारत गठबंधन का प्रबल समर्थक माना जाता है। उन्होंने भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने की वकालत की है। उनका कहना है कि अमेरिका और भारत को रक्षा व सुरक्षा सहयोग के मामले में आगे बढ़ना चाहिए।