आरा 22 अप्रैल। भोजपुर के बहुचर्चित विशेश्वर ओझा हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। एडीजे 8 की कोर्ट ने दोषी हरीश मिश्रा और ब्रजेश मिश्रा को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है। साथ ही कोर्ट ने दोनों पर 85-85 हजार का जुर्माना भी लगाया है। बाकी पांच दोषियों को 10-10 साल की कैद और 35-35 हजार का जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि 9 अप्रैल को कोर्ट ने इस बहुचर्चित हत्याकांड में ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा, उमाकांत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा, बसंत मिश्रा, हरेंद्र सिंह, पप्पू सिंह समेत सात आरोपियों को दोषी पाया था, जबकि 6 आरोपियों को सबूतों के अभाव बरी कर दिया था। ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा सगे भाई हैं।
आरा कोर्ट ने हरीश मिश्रा और उसके भाई ब्रजेश मिश्रा को हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया। जबकि, उमाकांत, टूनी, बसंत, पप्पू और हरेंद्र सिंह को 307 आईपीसी और 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया गया। कोर्ट ने इस मामले के सभी 6 आरोपियों कुंदन, संतोष, विनोद, भृगु, मदन, बबलू को संदेह का लाभ देते हुए ‘बरी’ कर दिया।
दरअसल शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी के कद्दावर नेता और बिहार प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष विश्वेश्वर ओझा की हत्या 12 फरवरी 2016 को देर शाम शाहपुर थाना क्षेत्र के सोनवर्षा बाजार पर उस वक्त हत्या कर दी गई थी. जब वो अपनी फोर व्हीलर गाड़ी से एक शादी समारोह में सिरकत कर अपने घर लौट रहे थे. इसी बीच दर्जनों की संख्या में पहले से घात लगाए हथियारबंद बदमाशों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर उन्हें गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था.
इस हत्या के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल कायम हो गया था. जिसके बाद पुलिस ने इस कांड में मृतक बीजेपी नेता के परिजनों के द्वारा शाहपुर थाने में कांड संख्या 48/16 में दर्ज कराई गई. प्राथमिकी में ब्रजेश मिश्रा और उनके भाई हरेश मिश्रा सहित करीब 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था.