अच्छा और प्रेरणास्त्रोत कार्य करने वालांे को सम्मान देने और आगे बढ़ाने का कार्य कोई भी युग रहा हो बड़े बुजुर्गों के अनुसार हमेशा ही सम्मान देने का कार्य होता रहा है। इसलिए वर्तमान समय में जो विभिन्न आयोजन कर लोगों को सम्मानित किया जाता है वो एक अच्छी परंपरा और बुजुर्गों के बताए रास्ते पर चलने की श्रेणी में ही आता है।
पिछले कुछ वर्षों से जो सम्मानित होने वालों को लेकर चर्चाएं कार्यक्रम उपरांत चलती हैं उनसे यह बात स्पष्ट होती है कि हर स्तर पर सबकुछ तय होने के बाद भी सम्मानित किए जाने के लिए बनी नीति को नजरंदाज कर ग्रामीण कहावत अंधा बांटे रेवड़ी अपने अपनों को दें के समान सम्मानित ना होने की श्रेणी में शामिल लोगों का जो सम्मान करने की परंपरा चल निकली हैं उससे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखने वालों का महत्व भी खत्म होता जा रहा है।
बताते चलें कि शासन द्वारा ऐसे कार्यक्रमों में अफसरों के जाने के लिए नियम नीति निर्धारित किए गए हैं और कौन व्यक्ति सम्मानित हो रहे हैं और कौन कर रहा है इसकी जानकारी के बाद भी सरकारी नौकरों के उनमें शामिल होने की बात कही गई है। पूर्व में अफसर कहीं जाने से पूर्व इस बात का ध्यान भी रखते थे और जांच कराने के बाद ही आते जाते थे।
मगर अब तो आए दिन मीडिया में पढ़ने सुनने देखने को जो मिल रहा है उससे लगता है कि सम्मानित करने के कार्यक्रमों के आयोजकों द्वारा आंख मींचकर सम्मान के नाम पर माला पहनाने शॉल ओढ़ाने साफा पहनाने की होड़ लग गई है। क्योंकि इन आयोजनों के पीछे कहीं ना कहीं किसी ना किसी प्रकार का लाभ भी कुछ लोगों को मिलता है इसलिए इसकी कवरेज खूब होती है और ऐसे आयोजन सुर्खियों में रहते है। सबसे बड़ी बात अपात्र होने के बाद भी सम्मानित होने के बाद भी अगर कुछ लोगों का नाम और फोटो नहीं छपती तो जुगाड़ से खबर वरना विज्ञापन छपवाकर अपनी फोटो और महिमामंडन का वरण कराते हैं। परिणामस्वरूप 90 प्रतिशत अवैध धंधा करने वालों में शामिल सरकारी जमीन बेच अवैध निर्माण कर कच्ची कॉलोनियां काटने और अवैध तरीके से होटल चलाकर उनमें कैसीनों और जुए के अडडे चलाने वाले आदि सम्माानित होने लगे हैं और आयोजकों द्वारा उनका गुणगान भी खूब किया जाता है। बीते दिनों शहर में एक आयोजन हुआ जिसमें कुछ लोगांे का महिमामंडन वक्ताओं ने किया और उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से उन्हें मालाएं भी पहनाई गई। ऐसे ही एक सम्मानित के होटल में बीते दिवस जब छापा पड़ा तो वहां चल रहे कैसीनों में छह युवतियां समेत 31 लोग और 1.5 करोड़ रूपये के साथ बिटकॉइन भी मिलने की बात सामने आई। मालिक सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर हुई। कुछ साल पहले भी परतापुर बाईपास पर एक प्रतिष्ठित होटल बिगबाइट में कुछ इसी प्रकार का प्रकरण हुआ था। और जगहों पर भी जैसे ओयो होटल आदि में ऐेसे मामले पकड़े ही जाते हैं। इन्हें रोकना और कार्रवाई करना संबंधित अधिकारियों का काम है लेकिन समाजहित में हम ऐसे लोगों को सम्मानित करने से तो बच ही सकते हैं जिनके खिलाफ सरकारी जमीन बेचने अवैध निर्माण करने में एफआईआर दर्ज होती है।
दोस्तों समाजहित में सम्मान समारोह किसी भ्ीा व्यक्ति को प्रेरणा देने और आगे बढ़ने का उत्साह प्रदान करने हेतु सम्मान समारोह आयोजित किया जाना वक्त की सबसे बड़ी मांग है लेकिन यह भी पक्का है कि उनमें अगर अपात्रों को सम्मानित किया जाता है तो पात्रों का मनोबल तोड़ने और आगे बढ़ने से उन्हें रोकने का काम हम कर रहे हैं जो देशहित में अब बंद होना चाहिए। क्योंकि जब अच्छा काम करने वाले उपलब्ध है तो फिर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालों और बेईमानों की श्रेणी में आने वालों को हम जानबूझकर क्यों सम्मानित करें। अगर कोई धोखे से सम्मानित हो जाता है तो वो अलग बात है लेकिन जो जगजाहिर है उसके बावजूद भी अगर हम उनका महिमामंडन करते हैं तो यह पक्का है कि हम भी उनके गैरकानूनी कामों और सरकारी नीति के विरूद्ध उनके रूख का समर्थन करते हुए समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
राष्ट्र और समाज हित में माफियाओं और बदनाम व्यक्तियों का सम्मान करने से बचना होगा, सम्मान समारोह आयोजित करने वाले दें ध्यान! जिसका महिमा मंडन किया वो कैसीनो संचालन में नामजद हुआ
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