केंद्र और प्रदेश की सरकारें तथा वित्त मंत्रालय के अधिकारी और मंत्री आम उपभोक्ता को बैंकों से संबंध लाभ और सुविधाएं तथा बीमा संबंधी रियायतें दिलवाने के लिए जागरूक करने के लिए प्रयासरत है। इनके द्वारा संबंधित अधिकारियों को भी काम करने और जनहित में निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मगर इस सबके बावजूद भी कई बार उपभोक्ताओं के ठगे जाने और बीमा संबंध लाभ आसानी से ना मिलने की खबरें पढ़ने सुनने को मिल तो रही हैं। इसके पीछे मुझे लगता है कि बैंक और बीमा विभाग के अधिकारी आम आदमी की परेशानी और मजबूरी नहीं समझ रहे हैं। शायद इसीलिए सरकार के चाहने के बावजूद भी उपभोक्ता ऐसे मामले में परेशान घूमते नजर आते हैं।
यह किसी से छिपा नहीं है कि देश में काबिल और दूरदर्शी हर व्यक्ति है। अपने हितों और देश के प्रति समर्पण की भावना सबमें भरी है। लेकिन ज्यादातर आबादी अंग्रेजी का पूर्ण ज्ञान नहीं रखती जिसके चलते अनपढ़ होने के बाद भी मुझ जैसे लोग जागरूक तो हैं अपनी बात भी उठाना चाहते हैं लेकिन इसका शब्दज्ञान ना होने के चलते जो लाभ हमें मिलना चाहिए और जिन्हें प्राप्त कर किसान मजदूर गरीब आदमी पीएम की भावनाओं के तहत खुशहाल हो सकता है वो नहीं हो पा रहा है। इसलिए मेरा केंद्रीय वित्त कानून मंत्रालय के अधिकारियों से विनम्र आग्रह है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की जनहित की सोच को साकार करने के लिए बैंक और बीमा संबंधी कागजी कार्रवाई हिंदी और अंग्रेजी दोनों में हो और जिसे जो पढ़ना आता हो उसे वहीं फार्म उपलब्ध कराए जाए और फालतू का विवरण ना देकर कम से कम शब्दों में काम की बातें उपभोक्ताओं को समझाई जाए तो मुझे लगता है कि जो जनहित की सोच सरकार ने बनाई है उसका पूर्ण लाभ आम आदमी प्राप्त कर सकता है। और पीएम की भावनाएं भी साकार हो सकती है।
जनहित में बैंक और बीमा संबंधी फार्म हिंदी और इंग्लिश दोनों में सरल शब्दों में हो उपलब्ध
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