नई दिल्ली 12 फरवरी। मेटा ने भारत में इंस्टाग्राम टीन अकाउंट्स नीति में बदलाव की घोषणा की है। इसके तहत इन अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले किशोरों के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएंगे। इसके लिए उम्र के सत्यापन नियम कठिन होंगे और अकाउंट पर माता-पिता का भी नियंत्रण होगा।
मेटा ने मंगलवार को कहा, किशोरों के लिए अकाउंट में गोपनीय सेटिंग में बदलाव किए जाएंगे। माता-पिता बच्चों के अकाउंट पर नजर रख सकेंगे और यह सभी सेटिंग्स डिफॉल्ट होंगी। इसमें कहा गया है, माता-पिता 16 साल से कम उम्र के किशोरों के लिए इन बदलावों को मंजूरी दे सकते हैं। वे स्क्रीन टाइम निर्धारित कर सकते हैं और कुछ घंटों के दौरान ऐप के उपयोग को बंद भी कर सकते हैं।
11 फरवरी 2025 को सेफर इंटरनेट डे मनाया गया था. इसी मौके पर मेटा ने इंस्टाग्राम टीन अकाउंट फीचर को भारत में भी लॉन्च कर दिया. हालांकि, भारत में इस फीचर को फेज़ वाइज़ में रोलआउट किया जाएगा. इसका मतलब है कि अगर आपके इंस्टाग्राम अकाउंट में अभी यह फीचर नहीं दिख रहा है, तो आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है. मेटा धीरे-धीरे भारत के सभी इंस्टाग्राम यूज़र्स के अकाउंट में टीन अकाउंट फीचर रोलआउट कर देगा.
टीनएजर्स के लिए लगने वाले ऑटोमैटिक सेफगार्ड
इंस्टाग्राम के टीन अकाउंट्स में अनचाहे या गलत लोगों से इंटरेक्शन नहीं होगा, बच्चों की प्राइवेसी सेटिंग्स बढ़ेगी, पेरेंट्स अपने बच्चों के अकाउंट और एक्टिविटीज़ पर नज़र रख पाएंगे और टीनएजर्स को एक सोशल मीडिया पर एक सुरक्षित अनुभव मिलेगा. मेटा के ब्लॉग पोस्ट के अनुसार टीन अकाउंट्स के निम्नलिखित फायदे होंगे:
प्राइवेट अकाउंट: टीन अकाउंट अपने-आप ही प्राइवेट में सेट होगा. इसका मतलब है कि उन्हें नए फॉलोअर्स को एप्रुव करना होगा और नॉन-फॉलोअर्स ना ही बच्चों से इंटरेक्ट कर पाएंगे और ना ही उनके कंटेंट देख पाएंगे. यह फीचर 16 साल से कम उम्र वाले मौजूदा और नए, दोनों यूज़र्स पर लागू होगा. इसके अलावा 18 साल से कम उम्र वाले यूज़र्स पर भी साइनिंग-अप करने पर यह फीचर काम करेगा.
मैसेंजिंग रिस्ट्रिक्शन: टीन्स अकाउंट के मैसेंजिंग फीचर में काफी स्ट्रिक्स सेटिंग्स लगी हुई होगा, जिसके जरिए वो सिर्फ उन्हीं के मैसेज पा सकेंगे, जिन्हें वो जानते हैं और जिनको उन्होंने फॉलो किया हुआ है.
सेंसिटिव कंटेंट कंट्रोल: टीन्स के अकाउंट में ऑटोमैटिकली ही मोस्ट रिस्ट्रिक्टिव सेटिंग सेट होगी, जिसके जरिए उनके अकाउंट पर सेंसिटिव कंटेंट दिखाई नहीं देंगे.
लिमिटेड इंटरेक्शन: टीन्स अकाउंट को सिर्फ वही लोग टैग या मेंशन कर पाएंगे, जिन्हें वो फॉलो करते हैं. इसके अलावा उनके अकाउंट में आने वाले कमेंट्स और डीएम रिक्वेस्ट में गलत भाषा को फिल्टर आउट करने के लिए हिडन वर्ड्स और एंटी-बुलिंग फीचर पहले से ही एक्टिव रहेंगे.
टाइम लिमिट रिमाइंडर: इंस्टाग्राम टीनएजर्स को रोज 60 मिनट यानी 1 घंटा इंस्टाग्राम ऐप यूज़ करने के बाद नोटिफिकेशन भेजकर ऐप को बंद करने के लिए कहेगा.
स्लिप मोड: टीनएजर्स के इंस्टाग्राम अकाउंट में रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक अपने-आप स्लिप मोड चालू हो जाएगा. उस दौरान नोटिफिकेशन, डीएम पर भेजे जाने वाले ऑटोमैटिक रिप्लाई अपने-आप बंद हो जाएंगे.
पेरेंट्स रख पाएंगे नज़र: बच्चों के अकाउंट में रिस्ट्रिक्शन्स यानी ऑटोमैटिक सेफगार्ड लगाने के अलावा इंस्टाग्राम का टीन अकाउंट फीचर माता-पिता या अभिभावकों को भी अपने बच्चों की गतिविधि पर नज़र रखने का मौका देगा. इंस्टाग्राम पेरेंट्स को टीन अकाउंट्स के लिए एक सुपरविज़न टूल प्रोवाइड करेगा, जिससे वो अपने बच्चों के इंस्टाग्राम एक्सपीरियंस को मॉनिटर और मैनेज कर पाएंगे.
16 साल से कम उम्र वाले इंस्टाग्राम यूज़र्स को ऊपर बताई गई रिस्ट्रिक्टिव सेटिंग्स को कम करने के लिए पेरेंट्स की अनुमति चाहिए होगी. इसके अलावा पेरेंट्स 16 साल से ऊपर वाले टीनएजर्स बच्चों के लिए भी ये सेटिंग्स चालू कर सकते हैं. पेरेंट्स सुपरविज़न फीचर्स के लिए निम्नलिखित कंट्रोल कर पाएंगे:
मॉनिटरिंग रिसेंट कॉनजरवेशन: पेरेंट्स देख पाएंगे कि उनके टीनएजर बच्चों ने पिछले सात दिनों में किसे मैसेज किया है. हालांकि, पेरेंट्स मैसेज के कंटेंट को पढ़ नहीं पाएंगे.
सेटिंग डेली टाइम लिमिट्स: पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए इंस्टाग्राम ऐप की टाइम लिमिट सेट कर पाएंगे. टाइम लिमिट खत्म होने के बाद बच्चे इंस्टाग्राम खोल नहीं पाएंगे.
किसी खास वक्त में इंस्टाग्राम ब्लॉक करना: पेरेंट्स रात या किसी भी स्पेसिफिक टाइम (जैसे- पढ़ने के वक्त, खाने के वक्त, सोने के वक्त) इंस्टाग्राम को एक आसान टॉगल के जरिए ब्लॉक कर सकते हैं. उस वक्त में बच्चों का टीन अकाउंट खुल नहीं पाएगा.