बरेली 17 अप्रैल। जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर भर्ती के नाम पर रिश्वत लेने का एक मामला सामने आया है. जन सुनवाई के दौरान शिकायत सामने आने के बाद रिश्वत लेने वाले सीडीपीओ को तत्काल निलंबित कर दिया गया है.
फतेहगंज ब्लॉक के टिटौली गांव की रहने वाली वीरवती ने बुधवार को जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी से कहा कि ब्लॉक में तैनात सीडीपीओ कृष्ण चंद्र ने आंगनबाड़ी कार्यकता के पद पर भर्ती करने के लिए 1लाख 65 हजार रुपये की रिश्वत की मांगी थी. एडवांस के तौर पर 70 हजार रुपये नवंबर 2024 में सीडीपीओ कृष्ण चंद्र द्वारा लिए गए थे. इसके बाद भी वीरवती की भर्ती न करके उसके गांव की दूसरी महिला को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बना दिया गया. जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश को जांच करने के आदेश दिए. जांच में मामला सही पाए जाने के बाद फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के सीडीपीओ कृष्ण चंद्र को तत्काल निलंबित कर दिया गया है.
मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश के द्वारा जांच की गयी और निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग को पत्र लिखकर अवगत कराया कि रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकता के पद पर चयन कराने के लिए सीडीपीओ कृष्ण चंद्र ने आवेदक वीरवती 1,65,000 में बात हुई थी. वीरवती का ऑनलाइन आवेदन भी सीडीपीओ कृष्ण चन्द्र द्वारा अपने जान पहचान के कैफे से कराया था. सीडीपीओ ने वीरवती से 70,000 रुपये 12 नवम्बर 2024 को ली गयी थी. आरोप है कि सीडीपीओ कृष्ण चन्द्र ने दूसरी आवेदक आशा पत्नी बाबूराम से 2,50,000 लेकर वीरवती के आवेदन में जान बूझकर त्रुटि करा दी गयी थी. इसके कारण वीरवती का आवेदन निरस्त कर दिया गया था और आशा का चयन करा दिया गया.
शिकायतकर्ता द्वारा साक्ष्य के रूप में वीडियो रिकार्डिंग भी उपलब्ध करायी गयी थी। उस वीडियो रिकॉर्डिंग देखने से कृष्ण चन्द्र बाल विकास परियोजना अधिकारी रिश्वत लेने की शिकायत प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हो रही है. इसके बाद निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा विकास परियोजना अधिकारी कृष्ण चन्द्र बाल तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित करते हुए उप निदेशक मुख्यालय जमा त्रिपाठी को जांच अधिकारी नामित किया गया है.