Date: 08/09/2024, Time:

बंगाल में हिंसा बंद नहीं हुई तो पांस साल के लिए केन्द्रीय बल को करना पड़ेगा तैनात

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कोलकाता 07 जून। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान और नतीजों की घोषणा के बाद से कई जगहों पर कथित हिंसा की खबरें सामने आई हैं. दावा है कि तब से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. मामले को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस और राज्य की ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाई है. वॉर्निंग दी है कि अगर राज्य हिंसा कंट्रोल नहीं कर सकती तो अगले पांच साल तक के लिए वहां केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया जाएगा.

6 जून को जस्टिस कौशिक चंदा और जस्टिस अपूर्ब सिन्हा रे की बेंच ने ‘राष्ट्रबादी आइनजीबी’ नाम के संगठन की तरफ से दायर हुई जनहित याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता की वकील सुस्मिता साहा दत्ता ने अदालत को बताया कि 1 जून को राज्य में सात चरण के मतदान खत्म होने के बाद से 11 लोगों की मौत हो चुकी है. इस पर बेंच ने पूछा,

दत्ता ने जवाब में कहा कि उनके पास ये साबित करने के लिए पर्याप्त दस्तावेज हैं. दूसरी तरफ राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने कहा कि ये सच नहीं हैं.

कोर्ट ने हिंसा से जुड़ी रिपोर्ट्स को लेकर निराशा और चिंता जाहिर की. जस्टिस कौशिक चंदा ने कहा, हर दिन हम मीडिया में चुनाव के बाद की हिंसा के बारे में देख रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के बाद जो हुआ वही इस बार भी हो रहा है. आपको (राज्य को) शर्म आनी चाहिए. अगर राज्य इस हिंसा को कंट्रोल करने में विफल रहता है तो हमें फैसला लेना होगा कि अगले पांच सालों तक केंद्रीय बल राज्य में रहेंगे.

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किया है कि वो हिंसा से प्रभावित लोगों को ईमेल के जरिए राज्य के DGP को शिकायत दर्ज कराने की अनुमति दे. बेंच ने कहा कि वो किसी भी कीमत पर राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं.अदालत ने DGP संजय मुखोपाध्याय को चुनाव के बाद पुलिस को मिली हिंसा की शिकायतों की संख्या, दर्ज की गई FIR की संख्या और उसके बाद की गई कार्रवाई पर 10 दिनों के अंदर एक रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया है. अदालत ने पुलिस से संबंधित शिकायतों को तुरंत अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने को भी कहा.

बता दें, अगस्त 2021 में विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद भी राज्य में हिंसा हुई थी. तब हाई कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने SIT के गठन का आदेश दिया ताकि चुनाव के बाद हिंसा संबंधी शिकायतों की जांच की निगरानी की जा सके.4 जून को चुनाव आयोग ने राज्य में केंद्रीय बलों की लगभग 400 कंपनियों की तैनाती को 19 जून तक बढ़ाने का फैसला किया था. पहले केंद्रीय बलों को मतगणना के दो दिन बाद 6 जून तक राज्य में रहना था.

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