asd ‘वक्फ बिल पास हो गया तो हमारी मस्जिदें व कब्रिस्तान छिन जाएंगे’, वायरल वीडियो पर JPC मेंबर ने दिया जवाब – tazzakhabar.com
Date: 13/03/2025, Time:

‘वक्फ बिल पास हो गया तो हमारी मस्जिदें व कब्रिस्तान छिन जाएंगे’, वायरल वीडियो पर JPC मेंबर ने दिया जवाब

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नई दिल्ली 10 सितंबर। वक्फ संशोधन विधेयक पर सत्ता और विपक्ष के बीच मचे घमासान के मध्य एक वीडियो ने खलबली मचा दी है। वीडियो में लोगों से वक्फ विधेयक का विरोध करने की अपील की जा रही है। लाउडस्पीकर के माध्यम से कुछ लोग गली-गली विधेयक के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। लोगों से विधेयक के खिलाफ अपनी राय देने की गुजारिश भी की जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर यह बिल पास हो गया तो हमारी मस्जिद, मजार और कब्रिस्तान छिन जाएंगे। वीडियो पर गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी प्रतिक्रिया दी है।

आठ अगस्त को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया था। हालांकि विपक्ष के भारी दबाव के बाद इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया है। समिति ने विधेयक पर मुस्लिम संगठनों से राय मांगी है। कोई आम इंसान भी अपनी राय समिति को भेज सकता है। वीडियो में भी लोगों से अपनी राय भेजने की बात कही जा रही है।

निशिकांत दुबे ने कहा कि वीडियो को मन विचलित करने वाला बताते हुए कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक संसद की संयुक्त समिति के पास विचाराधीन है। मैं खुद इसका सदस्य हूं, यह वीडियो देखकर मन विचलित है। पूरे बिल को कम से कम 100 बार पढ़ चुका, इस बिल की कौन सी धारा में मस्जिद, कब्रिस्तान, दरगाह, मदरसा पर सरकार कब्जा करने का कानून ला रही है?’ उन्होंने आगे कहा कि झूठ की बुनियाद,वोट बैंक की राजनीति और मोदी विरोध की अंधी राजनीति ने देश के एक वर्ग विशेष के मन में लगातार नफरत पैदा करने की कोशिश की है। काश वक्फ जिसकी बुनियाद पैगंबर मोहम्मद साहब ने गरीबों के लिए रखी, वक्फ की पहली कमिटी गैर मुस्लिम ने बनाई, उनके आदेश पर मुस्लिम समाज गरीब मुसलमानों के हित में सोचकर कमिटी को बताता।

वहीं केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सही रखरखाव और इससे जुड़े विवादों को कम करने के लिए वक्फ बोर्ड संसोधन कानून लाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि यह कानून आने के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम कर दी जाएंगी। इसी वजह से कुछ मुस्लिम नेताओं ने ऐसा कहा है कि यह कानून उनकी मस्जिदें और कब्रिस्तान छीनने के लिए लाया गया है। फिलहाल संसद की संयुक्त समिति इस कानून पर चर्चा कर रही है। लोगों से इस पर सुझाव मांगे गए हैं। संयुक्त समिति के सुझाव के बाद ही यह अधिनियम संसद में पेश होगा और चर्चा के बाद कानूनी का रूप लेगा।

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