वर्तमान समय में बड़ी तादात में प्राइवेट सेक्टर के अंदर मोटी तनख्वाह वाली नौकरियां होने के बावजूद शिक्षा के बढ़ते स्तर के चलते बेरोजगारों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। यह सभी जानते हैं। लेकिन फिल्मी गाना नया खून है नई जवानी हम हैं हिंदुस्तानी के समान आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए युवाओं द्वारा नए नए तरीके इजाद किए जा रहे हैं। कुछ मामलों में किसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में मिलने वाली तनख्वाह से ज्यादा यह युवा कमा लेते हैं। पिछले दिनों एक खबर पढ़ी कि एक देश में एक युवा लोगों की तारीफ कर तीन से पांच हजार रूपये रोज कमा रहा हैं तो उसके बाद चर्चा सुनने को मिली कि प्रयागराज महाकुंभ में कुछ लड़के मेला घूमने आए थे वहां लोगों को तिलक लगाकर कई हजार रूपये रोज कमा रहे हैं। ऐेसे कई किस्से सुनने पढ़ने को मिलते रहते हैं जिनसे प्रेरणा लेकर युवा अपनी आर्थिक तंगी से उबर सकते हैं। एक काम यह भी हो सकता है कि युवाओं की आत्मसंतुष्टि और प्रशंसा पाने के लिए उन्हें सहयोग देने का काम किया जाए। जैसा क्वालालंमपुर में सुलेमान विलेन की भूमिका में अपने आपको प्रस्तुत कर रहा है। खबर के अनुसार अबतक आपने केवल फिल्मों में ही देखा होगा कि हीरो दर्जनों गुड़ों को मारकर हिरोइन को इंप्रेस करता है। अब असल जिंदगी में भी लोगों को अपनी गर्लफ्रेंड के सामने हीरो बनाने के लिए मलेशिया के 28 वर्षीय शाजाली सुलेमान ने विलेन फार हायर सेवा शुरू की है। सुलेमान ने इंटरनेट मीडिया पर अपना प्रचार करते हुए लिखा है कि वह उचित शुल्क लेकर ग्राहकों को उनकी मर्दानगी दिखाने में मदद कर सकता है। उसने लिखा, बस मुझे समय और स्थान बताएं, मैं आपके साथी को परेशान कर आपको हीरो बनने का मौका दूंगा। विलेन की छवि को निखारने के लिए उसने बड़े बालों के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की है। पोस्ट अब तेजी से प्रसारित हो रही है। एक यूजर ने लिखा इसे बाद में उपयोग के लिए सेव कर लेता हूं।
28 वर्षीय सुलेमान के काम के बारे में एक बार तो आश्चर्य होता है लेकिन यह सही हैं कि वर्तमान में अपनों या अपनी प्रेमिका को प्रभावित करने के लिए कुछ लोग बहुत उतावले नजर आते हैं लेकिन आत्मविश्वास और हिम्मत जवाब देने से ऐसा नहीं कर पाते। ऐेसे में साजली सुलेमान जिन्हें प्रभावित करना चाहते हैं उन्हें छेड़ता है और मौके पर आकर वह उसकी पिटाई कर अपनों को प्रभावित करने में सफल होने की कोशिश करते हैं और सुलेमान को कुछ रकम उनसे मिल जाती है। अगर देखें तो इस मामले में कोई समस्या नहीं है। इससे दोनों की ही परेशानी हल हो जाती है। कुछ नौजवान चाहे तो सुलेमान का रास्ता पकड़ सकते हैं। मुझे याद आता है कि कुछ साल पहले मुंबई में रहने वाले एक युवक का इंटरव्यू पढ़ा जिसमें उसका कहना था कि गोपनीयता रख हम हजारों रूपया कमाने के साथ महंगे पुरस्कार भी प्राप्त करते हैं सिर्फ अपनी मर्दानगी थोड़ी देर के लिए औरों के प्रति समर्पित करते हैं। जंगेलों के नाम से मशहूर ऐसे युवा पुरूष वैश्या के रूप में काम करते हैं और उसका कहना था कि मैं इनकम टैक्स भरता हूं। कुछ डॉक्टर हैं तो कोई इंजीनियर। मैं जंगेलो कहलाता हूं तो इसमें बुराई क्या है। मैं यह तो नहीं कहता कि युवा जंगेलों के रास्ते पर चलें लेकिन जगह ढूंढकर सम्मान से अपना जीवन गुजार आर्थिक तंगी को दूर कर सकते है। कौन क्या कहेगा क्या सोचेगा इसे एक तरफ रखकर।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
वो मर्दानगी बेचते तो कुछ तारीफ कर ? युवा नए नए तरीके अपनाकर भी आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं नौकरी ना मिलने पर
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